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पुर्तगाल में बुर्का पहनने पर देना होगा 200 से 400 यूरो यानी 4 लाख रूपये तक जुर्माना

पुर्तगाल की संसद ने बुर्का बैन विधेयक को दी मंजूरी, राष्ट्रप्रति के पास भेजा

 

विरोध में उतरे बामपंथी, कहा-मुस्लिम महिलाओं को टारगेट करने के लिए लाया गया विधेयक

पुर्तगाल। पुर्तगाल की संसद ने बुर्का बैन विधेयक मंजूरी दे दी है और इसे अब कानून के लिए राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा के पास भेजा गया है। नये विधेयक के तहत बुर्का पहनने पर सार्वजनिक जगहों पर 200 यूरो से 4,000 यूरो तक जुर्माना लगाने का प्रावधान है। अब वामपंथी दलों के लोग इसका विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि मुस्लिम महिलाओं को टारेगेट करने के उद्देश्य से यह विधेयक लाया गया है। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुर्तगाल की संसद ने पब्लिक प्लेसेज पर ‘लिंग या धार्मिक‘ वजहों से नकाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने वाले एक विधेयक को मंजूरी दी है। बुर्का बैन का प्रस्ताव फार राइट चेगा पार्टी ने दिया था। इसका उद्देश्य सार्वजनिक जगहो पर बुर्का और नकाब जैसे वस्त्रों पर प्रतिबंध लगाना है। हालांकि फ्लाइट्स, राजनयिक परिसरों और पूजा स्थलों पर नकाब की अनुमति रहेगी। विधेयक में कहा गया है कि सार्वजनिक जगहों पर नकाब पहनने वालों पर 200 यूरो से लेकर 4,000 यूरो तक के जुर्माना लगाया जाएगा। अब आप यह जान लें कि 4000 यूरो भारतीय करेंसी में 4 लाख 10 हजार रुपये से भी ज्यादा होते हैं।

अब कानून बनाए जाने के लिए राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा की मंजूरी का इंतजार है। लेकिन अगर इसे वीटो किया जाता है तो फिर इस विधेयक को समीक्षा के लिए संवैधानिक न्यायालय को भेजा जा सकता है। अगर विधेयक कानून बन जाता है तो पुर्तगाल भी फ्रांस, ऑस्ट्रिया, नीदरलैंड और बेल्जियम जैसे उन यूरोपीय देशों में शामिल हो जाएगा, जहां चेहरा और सिर ढकने पर पूरी या आंशिक रोक है। आपको बता दें कि पुर्तगाल में ज़्यादातर महिलाएं ऐसे कपड़े नहीं पहनतीं। लेकिन इस्लामी बुर्के के मुद्दे ने यहां विवाद खड़ा कर दिया है। चेगा पार्टी ने नकाब को बैन करने के लिए फ्रांस और अन्य यूरोपीय देशों के तर्कों का हवाला दिया है। चेगा पार्टी को इस विधेयक पर दक्षिणपंथी दलों का समर्थन हासिल है. चेगा ने विधेयक में कहा है कि यह स्वतंत्रता, समानता और मानवीय गरिमा जैसे सिद्धांतों के खिलाफ है। चेहरा छिपाने से खासकर महिलाएं बहिष्कार और हीनता की स्थिति में आ जाती हैं। .इस पर वामपंथी और कुछ दल पुर्तगाल सरकार के इस कदम को चेहरा ढकने वाली मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाने के लिए उठाया गया कदम बता रहे हैं।