भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को भारत प्रत्यर्पित करने का रास्ता साफ
बेल्जियम की एंटवर्प कोर्ट ने सुनाया फैसला, कहा-चोकसी का अपराध भारतीय कानून के तहत दंडनीय है
नई दिल्ली। बेल्जियम स्थित एंटवर्प कोर्ट ने अपने फैसले में कहाकि मेहुल चोकसी के अपराध भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120-बी के साथ धारा 201, 409, 420 और 477-ए के तहत भारतीय कानून के तहत दंडनीय हैं। अदालत ने कहा कि चोकसी के खिलाफ आपराधिक संगठन, ठगी, गबन और जालसाजी के आरोप बेल्जियम कानून के तहत भी दंडनीय हैं। इसलिए भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के अपराध भारतीय और बेल्जियम दोनों कानूनों के तहत उसे भारत प्रत्यर्पित करने के योग्य हैं। बेल्जियम की अदालत के फैसले के बाद पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में मुकदमे का सामना करने के लिए चोकसी के भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है। अब मेहुल चोकसी को भारत लाने के लिए हर कानूनी बाधा लगभग खत्म हो चुकी है। कोर्ट ने कहा कि चोकसी के खिलाफ आरोप गंभीर हैं। चोकसी बेल्जियम का नहीं बल्कि विदेशी नागरिक है।
मेहुल चोकसी की नागरिकता एक विवादास्पद मुद्दा था। उसका दावा है कि उसने नवंबर 2017 में एंटीगुआ की नागरिकता प्राप्त करने के बाद 14 दिसंबर 2018 को भारतीय नागरिकता त्याग दी थी। भारत इसका विरोध करता है और जोर देकर कहता है कि वह एक भारतीय नागरिक है, इसलिए प्रत्यर्पित किया जा सकता है। भारत में मेहुल चोकसी के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और भ्रष्टाचार के मामले दर्ज हैं। बेल्जियम की अदालत ने आदेश में कहा है कि कथित अपराध 31 दिसंबर 2016 और 1 जनवरी, 2019 के बीच हुए थे। तब सीमाओं का कानून भारत या बेल्जियम में समाप्त नहीं हुआ था। चोकसी के इस तर्क पर कि उसे कथित तौर पर एंटीगुआ से अपहरण कर लिया गया था और भारत में राजनीतिक उत्पीड़न और अमानवीय व्यवहार का खतरा था। इस पर बेल्जियम की अदालत ने कहा कि उन दावों का समर्थन करने के लिए ’कोई ठोस सबूत नहीं’ दिया गया है। कोर्ट ने साफ कहा कि यह मामला न राजनीतिक है, न सैन्य और न टैक्स से जुड़ा। भारत ने चौकसी के खिलाफ कार्रवाई उसकी जाति, धर्म या राजनीतिक विचारों के कारण नहीं की है।
आपको बता दें कि भारत की ओर से बेल्जियम की अदालत को जानकारी दी गई है कि चोकसी को मुंबई की आर्थर रोड जेल में रखा जाएगा। वह बैरेक नंबर 12 में रहेगा। 46 वर्ग मीटर के इस बैरक में दो सेल और निजी शौचालय है। यह भी बताया है कि चोकसी को केवल चिकित्सा या अदालत में पेशी के लिए बाहर लाया जाएगा। चोकसी पर नियंत्रण जांच एजेंसी नहीं, बल्कि अदालत के पास होगा। भारत में उन्हें निष्पक्ष सुनवाई और सुरक्षा मिलेगी। आपको बता दें कि मेहुल चौकसी पर पीएनबी के साथ मिलकर 13,850 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी करने का आरोप है। साथ ही मेहुल पर मनी लॉन्डरिंग और फर्जी लेनदेन के आरोप हैं। उसने पीएनबी के अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी गारंटी जारी की। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने उन्हें 10 वर्षों के लिए पूंजी बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है। इसके अलावा मेहुल पर नकली हीरों को असली बताकर बेचने का आरोप है। उसने विदेशी बैंकों से बिना सिक्योरिटी के लोन लिया और शेल कंपनियों में ट्रांसफर कर मनी लॉन्ड्रिंग की।