16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बैन हुआ फेसबुक-इंस्टाग्राम,ऑस्ट्रेलिया का बड़ा फैसला
10 दिसंबर से लागू होगा नया कानून, सरकार ने कहा — “बच्चों की मानसिक सेहत और भविष्य की सुरक्षा सर्वोपरि”
डिजिटल डेस्क। बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर ऑस्ट्रेलिया ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब देश में 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चे किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने सोमवार को घोषणा की कि सरकार ने यह निर्णय बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य और भविष्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया है।
यह नया कानून 10 दिसंबर 2025 से लागू होगा। इसके बाद फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिकटॉक, स्नैपचैट, एक्स (पहले ट्विटर), यूट्यूब, रेडिट और किक जैसे सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर नाबालिग न तो नया अकाउंट बना सकेंगे और न ही मौजूदा अकाउंट चला पाएंगे।
कानून का मुख्य उद्देश्य
प्रधानमंत्री अल्बनीज ने कहा कि डिजिटल दुनिया बच्चों के भविष्य को खतरे में नहीं डाल सकती। इस कानून का मकसद बच्चों को हानिकारक कंटेंट से बचाना और अत्यधिक स्क्रीन टाइम से उत्पन्न तनाव, चिंता, नींद की कमी और ध्यान में कमी जैसी समस्याओं को कम करना है।
संचार मंत्री मिशेल राउस ने बताया कि बच्चों के लिए सुरक्षित ऑनलाइन माहौल सुनिश्चित करना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है।
आयु सत्यापन की प्रक्रिया (Age Verification Process)
सवाल यह उठता है कि बच्चों की उम्र का पता कैसे चलेगा? इसके लिए सरकार ने कंपनियों को कई उन्नत तकनीकों का उपयोग करने का निर्देश दिया है —
1. सरकारी आईडी या दस्तावेज़ से सत्यापन: उपयोगकर्ताओं को अपनी उम्र साबित करने के लिए वैध सरकारी पहचान पत्र देना होगा।
2. चेहरे की पहचान या आवाज विश्लेषण: एआई आधारित बायोमेट्रिक तकनीकों से उम्र का अनुमान लगाया जाएगा।
3. व्यवहार आधारित अनुमान: उपयोगकर्ता की भाषा, ब्राउज़िंग पैटर्न और नेटवर्क गतिविधि के आधार पर भी उम्र की पहचान की जा सकेगी।
संचार मंत्री अनिका वेल्स ने कहा कि हालांकि ये तकनीकें 100% सटीक नहीं हैं, लेकिन प्लेटफॉर्म्स के लिए कानून का पालन करना अनिवार्य होगा।
कंपनियों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी
सरकार ने चेतावनी दी है कि अगर कोई सोशल मीडिया कंपनी इस नियम का पालन नहीं करती, तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। कंपनियों को यह साबित करना होगा कि उन्होंने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी संभव कदम उठाए हैं।
वैश्विक स्तर पर मिसाल
ऑस्ट्रेलिया दुनिया का पहला देश बन सकता है जिसने बच्चों की मानसिक सुरक्षा के लिए इस स्तर पर सोशल मीडिया प्रतिबंध लागू किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह निर्णय अन्य देशों के लिए भी एक नजीर (precedent) साबित हो सकता है।