बेहतर जिंदगी का सपना लेकर डंकी रूट से गये थे अमेरिका, हरियाणा के 50 युवा बेड़ियों में भेजे गये
एजेंटों को 40 से 70 लाख रूपये देकर अवैध रूप से पहुंचे थे, पकड़े जाने के बाद जेलों में रहे बंद
अभी भी एक हजार लोग बंद हैं अमेरिका की जेलों में, और भी लोगों को अमेरिका भेज सकता है भारत
नई दिल्ली। अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 50 हरियाणवी लोगों को भारत निर्वासित (डिपोर्ट) किया गया। शर्मनाक यह कि इन्हें बेड़ियों से बांधकर अमेरिका के विशेष विमान में सभी को दिल्ली लाया गया। सभी लोग डंकी रूट से गए थे। यह अमेरिका की अस्थायी जेलों में रह रहे थे। अभी भी अमेरिका में कैथल के 1000 युवक अभी भी अमेरिका की जेल में बंद हैं।
डिपोर्ट किये गये लोगों में करनाल के 16 व कैथल के 14 युवक हैं। इसके अलावा कुरुक्षेत्र व अंबाला के पांच-पांच, यमुनानगर के चार, जींद के तीन, रोहतक व पानीपत का एक-एक युवक शामिल है। इन सभी युवकों की उम्र करीब 18 से 42 है। हालत यह थी कि यह भारतीय युवा छह महीने से लेकर डेढ़ साल तक वहां की विभिन्न जेलों में रहे और अब बेड़ियों से बांधकर उन्हें उनके वतन लौटाया गया। अमेरिका इससे पहले भी बेड़ियों में जकड़कर भारतीयों को भारत भेज चुका है। इस मामले में भारत सरकार की चुप्पी को लेकर तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे हैं।
शनिवार की देर शाम अमेरिका के एक विशेष विमान में सभी दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट उतरे। सूचना पर हरियाणा पुलिस एयरपोर्ट पहुंच गई थी। इसके बाद पुलिस ने इन युवाओं को उनके जिले के निवासियों को सौंप दिया। पुलिस ने सभी का सत्यापन कराया। इनमें कैथल के गांव तारागढ़ के रहनेवाले 42 वर्षीय नरेश कुमार को छोड़कर बाकी सभी को उनके परिजनों के हवाले कर दिया। नरेश को कोर्ट से भगोड़ा घोषित किया गया था और उस पर शराब तस्करी और चेक बाउंस का मामला दर्ज है। इसलिए उसे गिरफ्तार किया गया है।
बताया जाता है कि अधिकतर युवा एक से डेढ़ साल से अमेरिका में रह रहे थे। इन सभी को वीजा नियमों के उल्लंघन और अवैध प्रवास के कारण जेल में बंद किया गया था। पता चला है कि कैथल से डंकी रूट से गए करीब एक हजार युवा अब भी अमेरिका में हैं। अमेरिका से लाये गये इन लोगों के अपराधिक रिकॉर्ड की भी जांच रही है। पुलिस पता लगा रही है कि यह किन लोगों के जरिए और कैसे अमेरिका पहुंचे थे। इस मामले को लेकर करनाल के डीएसपी संदीप कुमार ने प्रेसवार्ता की। बताया कि सभी युवा युवा 40 से 70 लाख रुपये खर्च करके डंकी रूट से अमेरिका गए थे। पकड़े जाने के बाद उन्हें वहां की अस्थायी जेलों में रखा गया था। वतन वापस लौटे युवकों ने बताया कि 50 लाख रुपये खर्च करके वह 2024 में डंकी रूट से अमेरिका पहुंचा था। इस दौरान नौ माह तक वह कैंप में रहा। आपको बता दें कि इससे पहले 604 लोगों को डिपोर्ट किया जा चुका है। अभी और लोगों को भारत भेजा जाएगा। पिछले जनवरी माह से अबतक हरियाणा के 604 युवाओं को अमेरिका से डिपोर्ट किया जा चुका है। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही अवैध प्रवासियों पर शिकंजा कसा जा रहा है।
यह सभी युवा लाखों रूपये खर्च करने के बाद बेहतर जिंदगी की उम्मीद में अमेरिका गये थे। किसी ने जमीन बेची थी तो किसी ने कर्ज लिया था। वहां कमाई तो नही हो पाई बल्कि जेल में रहना पड़ा। भारत लौटने वाले कई युवा ऐसे भी हैं कि अब उनके परिवार की माली हालत और खराब हो गई है। करनाल के युवाओं के बारे में बताया गया कि वह अवैध रूप से अमेरिका जाने के प्रयास में मेक्सिको की दीवार फांदने की कोशिश में पकड़े गए थे। उन्हें महीनों तक जेल में यातनाएं झेलनी पड़ी। इसके अलावा अन्य युवा अलग-अलग रास्तों से अमेरिका पहुंचे। कोई दुबई के रास्ते यूरोप और फिर वहां से मैक्सिको बॉर्डर पहुंचे। कोई ब्राजील, इक्वाडोर और पनामा के जंगलों से कई माह की यात्रा कर अमेरिका पहुंचे थे। कुछ सऊदी अरब के रास्ते पहुंचे। युवाओं ने बताया कि यह काम एजेंटों के जरिए होता है। जिन लोगों से एजेंट ज्यादा पैसे लेते हैं उन्हें जहाज से मैक्सिको बॉर्डर तक और कम पैसा देने वालों को पैदल जंगलों के रास्ते पहुंचाते हैं। इन एजेंटों को 40 से 70 लाख रुपये का पैकेज है।