तंबाकू है मुंह और गले के कैंसर का सबसे बड़ा कारण, विशेषज्ञों ने विश्व हेड एंड नेक कैंसर दिवस पर दी अहम जानकारी
एपेक्स हॉस्पिटल में जागरूकता सत्र का आयोजन, शुरुआती जांच और तंबाकू से दूरी को बताया बचाव का सबसे बेहतर उपाय
वाराणसी,भदैनी मिरर। विश्व हेड एंड नेक कैंसर दिवस के अवसर पर एपेक्स हॉस्पिटल कैंसर इंस्टीट्यूट द्वारा एक जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें विशेषज्ञों ने मुंह और गले के कैंसर के मुख्य कारणों, लक्षणों और बचाव के उपायों पर विस्तार से चर्चा की।
कार्यक्रम का उद्घाटन एपेक्स की निदेशिका और क्लिनिकल ओंकोलॉजिस्ट डॉ. अंकिता पटेल सहित डॉ. नेहा गुप्ता, डॉ. गौरव गोस्वामी, डॉ. सुबूही जाफ़र, डॉ. नयना गुप्ता और डॉ. दिब्येंदु रॉय द्वारा दीप प्रज्ज्लित कर किया गया। इस अवसर पर एपेक्स नर्सिंग, फिजियोथेरेपी एवं पैरामेडिकल शिक्षण संस्थानों के फैकल्टी एवं प्रधानाचार्य उपस्थित रहे।
विशेषज्ञों ने बताया कि आज के समय में तंबाकू और शराब का सेवन मुंह और गले के कैंसर का सबसे बड़ा कारण बन चुका है। यदि बीमारी का शुरुआती अवस्था में पता चल जाए, तो इसका इलाज पूरी तरह संभव है।
कैंसर के लक्षणों में सावधानी ज़रूरी
डॉक्टरों ने बताया कि यदि मुंह में छाले लंबे समय तक बने रहें, गले में गांठ हो, आवाज़ में बदलाव आए या निगलने में कठिनाई हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
बचाव के उपाय
- पौष्टिक भोजन करना
- तंबाकू, गुटखा, सिगरेट और शराब से पूरी तरह दूरी बनाना
- नियमित रूप से ओरल हेल्थ चेकअप कराना
ऑन्को सर्जन डॉ. दीपक सिंह ने स्पष्ट किया कि मरीज के मनोवैज्ञानिक पहलू को समझना आवश्यक है। इलाज की शुरुआत में सर्जरी को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, पुनर्निर्माण को बाद में। वहीं, ऑन्को-रिहैब कंसल्टेंट डॉ. दिब्येंदु रॉय और उनकी टीम डॉ. प्रीति, दीपिका एवं शादिया ने कैंसर के इलाज के दौरान और बाद में होने वाले साइड इफेक्ट्स से बचाव के लिए जरूरी रिहैबिलिटेशन तकनीकों की जानकारी साझा की।