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वाराणसी में बिना सर्जरी गंभीर पैंक्रियास बीमारी का सफल इलाज, EUS तकनीक से मरीज को मिली नई जिंदगी

25 वर्षीय मरीज के पैंक्रियास में जमा मृत ऊतक और संक्रमित तरल को बिना ऑपरेशन निकाला गया बाहर
 

 

वाराणसी। एपेक्स सुपर स्पैशलिटी हॉस्पिटल वाराणसी के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग ने बड़ी चिकित्सा सफलता हासिल की है। अस्पताल की टीम ने एक 25 वर्षीय युवक के गंभीर पैंक्रियास (अग्न्याशय) रोग का बिना सर्जरी एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड तकनीक से सफल उपचार किया। इस उपलब्धि से मरीज की हालत में कुछ ही घंटों में उल्लेखनीय सुधार देखा गया।

जानकारी के अनुसार, मरीज के पैंक्रियास में गंभीर सूजन, मृत ऊतक तथा संक्रमित तरल जमा होने से एक बड़ी थैली जैसी संरचना बन गई थी, जिसे मेडिकल भाषा में “वॉल्ड-ऑफ नेक्रोसिस” कहा जाता है। इससे मरीज को तेज पेट दर्द और लगातार बुखार की शिकायत थी। स्थिति गंभीर होने पर मरीज को एपेक्स सुपर स्पैशलिटी हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. एस.एस. परिहार की देखरेख में तुरंत भर्ती किया गया।

मरीज की हालत को देखते हुए डॉ. परिहार ने गैस्ट्रो टीम के सदस्यों डॉ. अभिषेक वर्मा और डॉ. विनीत मिश्रा के साथ मिलकर आधुनिक EUS गाइडेड लैम्स तकनीक का इस्तेमाल किया। इस अत्याधुनिक प्रक्रिया में मरीज के पेट को खोले बिना, मुंह के रास्ते एंडोस्कोपिक मशीन द्वारा पैंक्रियास तक पहुंचते हुए जमा संक्रमित तरल को बाहर निकाला गया। ऑपरेशन जैसी स्थिति में भी बिना कट के यह प्रक्रिया केवल कुछ ही समय में पूरी की गई और लगभग 1 लीटर संक्रमित द्रव निकालकर मरीज को राहत दी गई।

इस जटिल प्रक्रिया में रेसीडेंट एनेस्थेसियोलॉजिस्ट डॉ. भास्कर, एंडोस्कोपी टेक्नोलॉजिस्ट अभय सिंह, तथा सहयोगी स्टाफ अभिषेक और सोनम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अस्पताल के चेयरमैन प्रो. (डॉ.) एस.के. सिंह ने पूरी टीम को बधाई देते हुए बताया कि एपेक्स हॉस्पिटल में पेट, लिवर और पैंक्रियास से जुड़ी गंभीर बीमारियों का सुरक्षित, आधुनिक और बिना बड़े ऑपरेशन के इलाज उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि इस तरह की उन्नत मेडिकल सुविधा मिलने से वाराणसी और पूर्वांचल के मरीजों को अब लंबी दूरी तय किए बिना विश्वस्तरीय उपचार मिल रहा है।

एपेक्स की इस चिकित्सा उपलब्धि के बाद क्षेत्र में पैंक्रियास रोग से पीड़ित मरीजों के लिए यह खबर बड़ी राहत लेकर आई है।