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वाराणसी में इम्यूनोथेरेपी पर पहली अंतरराष्ट्रीय CME का सफल आयोजन, देश-विदेश से 800 प्रतिभागी जुड़े

एपेक्स कॉलेज ऑफ नर्सिंग और एपेक्स हॉस्पिटल की पहल- विशेषज्ञों ने कैंसर उपचार में इम्यूनोथेरेपी के भविष्य और क्लिनिकल प्रैक्टिस में नई संभावनाओं पर रखे विचार
 

 

वाराणसी। एपेक्स कॉलेज ऑफ नर्सिंग और एपेक्स हॉस्पिटल द्वारा आयोजित पहली अंतरराष्ट्रीय इम्यूनोथेरेपी CME का सफल आयोजन हुआ। “विज्ञान से जीवन-रक्षा तक” थीम पर आधारित इस सम्मेलन में इम्यूनोथेरेपी के बढ़ते दायरे, वैज्ञानिक प्रगति, क्लिनिकल प्रैक्टिस और नर्सिंग के विस्तार पर विस्तृत चर्चा की गई।

कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रो. एस.एन. संखवार, निदेशक, आईएमएस-बीएचयू और विशेष अतिथि प्रो. डॉ. यू.पी. शाही, पूर्व विभागाध्यक्ष, रेडियोथेरेपी बीएचयू ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। इस दौरान डॉ. पवित्रा पटेल (निदेशक), डॉ. अंकिता पटेल (निदेशक), प्रो. डॉ. आर. जोहन्सीरानी (प्राचार्य), उप-प्राचार्य प्रो. गीता डी सहित अन्य फैकल्टी सदस्य मौजूद रहे।

अतिथियों ने अपने संबोधन में इम्यूनोथेरेपी को कैंसर उपचार का भविष्य बताते हुए इसके महत्व और विस्तार पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए। सम्मेलन में देश-विदेश से 800 से अधिक प्रतिभागियों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन शामिल होकर विषय पर तकनीकी व व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया।

वैज्ञानिक सत्रों में विशेषज्ञों के व्याख्यान

सम्मेलन के दौरान प्रो. गौरव सिंह ने इम्यूनोपैथोलॉजी से जुड़े मूल सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। एपेक्स हॉस्पिटल, वाराणसी के ऑन्कोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. अंकिता पटेल और डॉ. गौरव गोस्वामी ने कैंसर उपचार में इम्यूनोथेरेपी की उभरती भूमिका और अन्य चिकित्सीय उपयोगों पर चर्चा की।

जेआईपीएमईआर पुडुचेरी से अश्विनराज के. ने क्लिनिकल प्रैक्टिस और प्रशासन से जुड़े व्यावहारिक अनुभव साझा किए।

 अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का योगदान

टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल मुंबई के डॉ. सजी विनोद, यूएई से जॉली जॉनसन और यूके से शारूमधथ वेलमुरुगन ने साइड-इफेक्ट मैनेजमेंट, ओपीडी केयर, नर्सिंग भूमिका और वैश्विक चुनौतियों पर अपने अनुभव साझा किए।

रिसर्च और अकादमिक सेक्शन

आईएमएस-बीएचयू कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्रो. डॉ. श्रीवासंकारी ने देशभर से आए फैकल्टी सदस्यों के ओरल पेपर प्रस्तुतियों का मूल्यांकन किया और श्रेष्ठ प्रस्तुतियों की घोषणा की।
सम्मेलन का समापन वैलिडिक्टरी सत्र के साथ हुआ, जिसमें नर्सिंग फैकल्टी प्रो. शरथ चंद्रन, सहायक प्रो. विनय कुमार, आईवन प्रकाश, संध्या सिंह, ग्रेस यूथम और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. श्रद्धा डोमिनिक ने आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यक्रम ने इम्यूनोथेरेपी के क्षेत्र में शोध, शिक्षा और क्लिनिकल प्रैक्टिस को जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की है।