JN.1 : कोरोना के नए वैरिएंट के ये लक्षण न करें नजरअंदाज, 11 राज्यों में फैला, लापरवाही पड़ सकती है भारी
JN.1 : भारत समेत दुनिया के कई देशों में कोविड-19 एक बार फिर चर्चा में है। इस बार वजह है इसका नया रूप– JN.1 वैरिएंट और इसके सब-वैरिएंट्स LF.7 और NB.1.8, जिनकी वजह से सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग और अब भारत में भी केस तेज़ी से बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय (MoHFW) के अनुसार, 19 मई 2025 तक देश में 257 एक्टिव केस दर्ज हुए हैं, जिसमें 164 नए हैं। इनमें से सबसे ज्यादा एक्टिव 95 मामले केरल में हैं, उसके बाद 66 तमिलनाडु में और फिर 56 एक्टिव केस महाराष्ट्र में हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस वक्त देश के 11 राज्यों में कोरोना के एक्टिव मामले हैं, जिनमें दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, केरल, तमिलनाडु, हरियाणा, पुडुचेरी, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, राजस्थान, कर्नाटक शामिल है। आइए जानते हैं कि ये नया वैरिएंट कितना खतरनाक है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
क्या है JN.1 वैरिएंट और क्यों है चिंता की बात?
JN.1, ओमिक्रॉन के BA.2.86 वैरिएंट का ही एक बदला हुआ रूप है। पहली बार अगस्त 2023 में पहचाना गया था और इसके भीतर कुछ नए म्यूटेशन पाए गए हैं, जिससे यह पहले से ज्यादा तेजी से फैलता है।
यह वैरिएंट मुख्य रूप से:
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हवा में मौजूद बारीक बूंदों (Airborne droplets),
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भीड़-भाड़ वाले इलाकों में नज़दीकी संपर्क,
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दूषित सतहों के ज़रिए फैलता है।
किन लोगों को सबसे ज़्यादा खतरा?
विशेषज्ञों का कहना है कि ये नया स्ट्रेन कुछ खास लोगों के लिए अधिक जोखिम भरा हो सकता है:
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बुजुर्ग
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कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग
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डायबिटीज या दिल की बीमारी से पीड़ित मरीज
इन लोगों को थोड़ी सी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है।
नए वैरिएंट के लक्षण कैसे हैं?
हालांकि लक्षण डेल्टा और ओमिक्रॉन जैसे पुराने वैरिएंट से मिलते-जुलते हैं, लेकिन कुछ नए संकेत भी देखने को मिल रहे हैं:
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लगातार सूखी खांसी जो कई दिनों तक बनी रहती है
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स्वाद और गंध का चले जाना
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तेज और लगातार सिरदर्द (सामान्य दवाओं से भी आराम नहीं मिलता)
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नाक बहना या बंद होना
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थकान और गले में खराश
अगर इनमें से कोई भी लक्षण लगातार बना रहे, तो डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें।
कैसे करें बचाव?
वैक्सीन और बूस्टर डोज अब भी इस नए वैरिएंट से गंभीर संक्रमण से बचाव में मददगार हैं। विशेषज्ञों की सलाह है:
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बूस्टर डोज ज़रूर लें, खासकर अगर पिछली डोज लिए वक्त हो चुका है।
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मास्क पहनना न भूलें, खासकर भीड़भाड़ वाली जगहों पर।
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सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
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हाथों को बार-बार धोएं या सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें।
सावधानी ही बचाव है
कोरोना का नया वैरिएंट ज्यादा घातक नहीं है, लेकिन इसकी संक्रामक क्षमता अधिक है। इसका मतलब है कि थोड़ी सी लापरवाही पूरे परिवार को प्रभावित कर सकती है। इसलिए लक्षण दिखें तो टेस्ट कराएं, आइसोलेशन में रहें और दूसरों को सुरक्षित रखें।