वाराणसी में लेप्रोस्कोपिक कैंसर सर्जरी पर CME का आयोजन, देशभर के विशेषज्ञ हुए शामिल
टाटा कैंसर हॉस्पिटल मुंबई और बीएचयू के विशेषज्ञों की मौजूदगी में फोरगट सर्जरी पर केंद्रित कार्यक्रम, डॉ. स्वप्निल पटेल ने प्रस्तुत किए कैंसर सर्जरी के लाइव केस वीडियो
वाराणसी,भदैनी मिरर। लेप्रोस्कोपिक तकनीक से कैंसर उपचार में आ रही क्रांतिकारी प्रगति को साझा करने और चिकित्सकों को अद्यतन करने के उद्देश्य से वाराणसी सर्जिकल सोसाइटी एवं उपकार कैंसर इंस्टिट्यूट सुंदरपुर के संयुक्त तत्वावधान में Continuing Medical Education (CME) कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह शैक्षणिक बैठक शहर के ताज होटल में संपन्न हुई, जिसका मुख्य विषय था – "फोरगट सर्जरी में लैप्रोस्कोपी"।
कार्यक्रम की अध्यक्षता उपकार कैंसर इंस्टिट्यूट के वरिष्ठ सर्जन डॉ. स्वप्निल पटेल ने की, जिन्होंने इस उन्नत शल्य चिकित्सा विधि से संबंधित दो महत्वपूर्ण वीडियो केस प्रस्तुत किए। इन प्रस्तुतियों में उन्होंने पित्ताशय कैंसर, अमाशय (Stomach) कैंसर और लीवर (Liver) कैंसर के जटिल मामलों को लेप्रोस्कोपिक तकनीक से सफलतापूर्वक संचालित किए गए ऑपरेशनों के माध्यम से समझाया।
इस अवसर पर टाटा कैंसर हॉस्पिटल, मुंबई के प्रसिद्ध सर्जन प्रोफेसर विक्रम चौधरी, प्रोफेसर ए. के. खन्ना, और बीएचयू, वाराणसी के प्रोफेसर मनोज पांडेय भी मौजूद रहे। सत्र में टाटा कैंसर हॉस्पिटल और बीएचयू से जुड़े कई प्रतिष्ठित ऑन्कोलॉजिस्ट और सर्जन भी शरीक हुए।
डॉ. स्वप्निल ने बताया कि उन्होंने कोरिया यूनिवर्सिटी से फोरगट सर्जरी में अंतर्राष्ट्रीय फेलोशिप प्राप्त की है और वहां के अनुभवों को वाराणसी में कैंसर रोगियों के इलाज में सफलता से लागू कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के माध्यम से छोटे चीरे लगाकर सर्जरी की जाती है जिससे रोगी जल्दी स्वस्थ होता है और सामान्य दिनचर्या में लौट आता है।
कार्यक्रम के दौरान बीएचयू और टाटा कैंसर हॉस्पिटल के वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ पित्ताशय कैंसर के उपचार को लेकर एक सघन परिचर्चा भी की गई, जिसमें तकनीकी दृष्टिकोण और व्यावहारिक अनुभवों का आदान-प्रदान हुआ।
सीएमई सत्र में बड़ी संख्या में सर्जनों व चिकित्सकों की उपस्थिति रही। यह सत्र संवादात्मक, ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक रहा। उपस्थित चिकित्सकों ने डॉ. स्वप्निल द्वारा साझा किए गए केस स्टडीज की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन मेडिकल समुदाय को अत्याधुनिक तकनीकों के साथ जोड़ते हैं।