बर्ड फ्लू अलर्ट: सीएम योगी ने चिड़ियाघरों, नेशनल पार्क और पोल्ट्री फार्मों में कड़ी निगरानी के आदेश दिए
H5 एवियन इंफ्लुएंजा के खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री ने सभी प्राणी उद्यान, पक्षी विहार, वेटलैंड और पोल्ट्री सेक्टर में सख्त सुरक्षा उपाय अपनाने के निर्देश दिए।
लखनऊ, भदैनी मिरर। H5 एवियन इंफ्लुएंजा (बर्ड फ्लू) के संभावित खतरे को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को सभी संबंधित विभागों को तत्काल और समन्वित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि संरक्षित पशु-पक्षियों की सुरक्षा प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी प्राणी उद्यान, पक्षी विहार, नेशनल पार्क, वेटलैंड क्षेत्र और गो-आश्रय स्थलों में सुरक्षा उपायों को और सख्त किया जाए। केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइनों के अनुरूप सभी आवश्यक कदम तुरंत लागू किए जाएं।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के मुख्य बिंदु:
- सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़: प्राणी उद्यान परिसरों को नियमित रूप से सैनेटाइज किया जाए और आवश्यकता पड़ने पर ब्लो टॉचिंग की प्रक्रिया अपनाई जाए।
- स्वास्थ्य जांच अनिवार्य: सभी वन्य जीवों और पक्षियों की स्वास्थ्य जांच व आहार की गुणवत्ता की गहन जांच के बाद ही भोजन दिया जाए।
- कर्मचारियों की सुरक्षा: बाड़ों में तैनात कर्मचारियों की ड्यूटी जोखिम स्तर के आधार पर तय हो, उन्हें पीपीई किट और आवश्यक सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएं।
- जागरूकता प्रशिक्षण: कर्मचारियों को एवियन इंफ्लुएंजा के लक्षण, संक्रमण के तरीके और बचाव उपायों की जानकारी दी जाए।
- पोल्ट्री सेक्टर पर निगरानी: सभी पोल्ट्री फार्मों की मानकों के अनुरूप कड़ी निगरानी हो और पोल्ट्री उत्पादों के आवागमन पर नियंत्रण रखा जाए।
- मानव स्वास्थ्य पर समीक्षा: स्वास्थ्य विभाग H5 एवियन इंफ्लुएंजा के मानव स्वास्थ्य पर संभावित प्रभावों का गहन अध्ययन कर रिपोर्ट दे।
- राष्ट्रीय संस्थानों से समन्वय: केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, स्वास्थ्य मंत्रालय, मत्स्यपालन एवं डेयरी विभाग और भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान से सतत संवाद और सुझावों का त्वरित क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री योगी ने जोर देकर कहा कि समय पर, समन्वित और सख्त कार्रवाई ही इस संभावित संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण का मार्ग प्रशस्त कर सकती है। सभी संबंधित विभागों को आपसी सहयोग और त्वरित सूचना आदान-प्रदान के साथ काम करना होगा, ताकि प्रदेश के नागरिकों और वन्य जीवों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।