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BHU में विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर 28 जुलाई को मुफ्त जांच और इलाज, अब तक 10,000 से अधिक मरीज लाभान्वित

7734 हेपेटाइटिस बी और 2456 सी के केस पंजीकृत, 2030 तक हेपेटाइटिस मुक्त भारत का लक्ष्य

 

वाराणसी, भदैनी मिरर।  काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के चिकित्सा विज्ञान संस्थान स्थित गैस्ट्रोइन्टरोलाजी विभाग द्वारा इस वर्ष भी 28 जुलाई 2025 को विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

इस दिन विभाग के ओपीडी कक्ष संख्या G-20 में हेपेटाइटिस बी और सी की निःशुल्क स्क्रिनिंग जांच की जाएगी। जांच में धनात्मक पाए गए मरीजों को वायरल लोड जांच और दवाएं भी बिना किसी शुल्क के उपलब्ध कराई जाएंगी।

वाइरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम की प्रगति

गैस्ट्रोइन्टरोलाजी विभाग द्वारा 14 सितम्बर 2020 से शुरू किए गए वाइरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम के तहत अब तक 10,190 मरीज पंजीकृत किए जा चुके हैं। यह कार्यक्रम भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत संचालित है जिसका उद्देश्य 2030 तक हेपेटाइटिस मुक्त भारत बनाना है।

अब तक:

  • हेपेटाइटिस बी पॉजिटिव मरीज: 7734

  • हेपेटाइटिस सी पॉजिटिव मरीज: 2456

  • ठीक हो चुके मरीज:

    • हेपेटाइटिस बी: 57

    • हेपेटाइटिस सी: 1375

प्रमुख लक्षण जिन्हें नजरअंदाज न करें:

  1. गहरी थकान

  2. भूख न लगना

  3. पेट दर्द

  4. उल्टी या दस्त

  5. जोड़ों में दर्द

  6. पीलिया

बचाव के उपाय:

  • केवल साफ सुथरी सुई का प्रयोग करें

  • सुरक्षित यौन संबंध बनाएं

  • सेल्फ शेविंग को प्राथमिकता दें

  • टैटू या छेद करवाने में सावधानी रखें

  • नवजात को हेपेटाइटिस बी का टीका अवश्य दिलाएं

  • नियमित अंतराल पर स्क्रीनिंग कराते रहें

जेल कैदियों में भी जांच

गैस्ट्रो विभाग के अध्यक्ष डॉ. देवेश प्रकाश यादव ने बताया कि केन्द्रीय कारागार में हुई जांच के दौरान 52 कैदी धनात्मक पाए गए, जिनमें से 43 हेपेटाइटिस बी और 9 हेपेटाइटिस सी से ग्रस्त हैं। इन सभी को निःशुल्क दवा और जांच की सुविधा दी जा रही है।

वार्षिक धनात्मक मरीजों के आंकड़े

हेपेटाइटिस बी (B):

वर्ष मरीज
2020 412
2021 1623
2022 1070
2023 1006
2024 2247
2025 (जनवरी–अब तक) 1319

हेपेटाइटिस सी (C):

वर्ष मरीज
2020 45
2021 314
2022 468
2023 437
2024 744
2025 (जनवरी–अब तक) 448

पत्रकार वार्ता के दौरान विभागाध्यक्ष डॉ. देवेश प्रकाश यादव, माइक्रोबायोलॉजी की प्रो. शम्पा अनुपूर्वा, डॉ. एस.के. शुक्ला, डॉ. अनुराग तिवारी, डॉ. विनोद कुमार एवं डॉ. ब्रजेश पांडे ने जानकारी साझा की।