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विश्व मधुमेह दिवस पर एपेक्स हॉस्पिटल में विशेषज्ञों की लाइव चर्चा, सभी आयु वर्गों के लिए डायबीटीज़ प्रबंधन पर फोकस

चेयरमैन प्रो. डॉ. एस.के. सिंह की संरक्षता में आयोजित पैनल चर्चा में डायबीटीज़ जटिलताओं, हृदय-गुर्दा जोखिम, मानसिक स्वास्थ्य और आहार प्रबंधन पर विशेषज्ञों ने दिए महत्वपूर्ण संदेश
 

 

वाराणसी। विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर एपेक्स हॉस्पिटल में चेयरमैन प्रो. डॉ. एस.के. सिंह की संरक्षता में “डायबीटीज़ के बारे में जानें और करें भी” विषय पर विशेषज्ञों की लाइव पैनल चर्चा आयोजित की गई। कार्यक्रम का उद्देश्य मधुमेह के बढ़ते जोखिम, जटिलताओं और विभिन्न आयु वर्गों में इसके वैज्ञानिक प्रबंधन पर जन-जागरूकता बढ़ाना था।

एमएससी नर्सिंग संकाय के प्रो. शरत चंद्रन के संयोजन में, असिस्टेंट प्रोफेसर विनय ने “Diabetes Across Life Stages” थीम को प्रस्तुत करते हुए चर्चा का शुभारंभ किया और बताया कि हर आयु में डायबीटीज़ के जोखिम, लक्षण और देखभाल अलग-अलग होती है, जिसे समझना अत्यंत आवश्यक है।

 विशेषज्ञों ने दिए महत्वपूर्ण बयान

डायबीटीज़ विशेषज्ञ डॉ. रोहित सिंह ने गंभीर मधुमेह जटिलताओं के शुरुआती चेतावनी संकेत, बढ़ते वैश्विक मोटापे के कारण, मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव और डायबीटीज़ से जुड़े नवीनतम शोधों पर विस्तार से जानकारी दी।

डॉ. निवेदिता पंडित ने बताया कि डायबीटीज़-जनित किडनी क्षति (Diabetic Kidney Disease) तेजी से बढ़ रही है।
उन्होंने शुरुआती डायग्नोस्टिक मार्कर्स, डायलिसिस की जरूरत, और युवाओं में बढ़ते जोखिम पर विशेष रूप से ध्यान देने की बात कही।

कार्डियोलॉजिस्ट पैनल: डॉ. सूरज चतुर्वेदी और डॉ. अकदस मुमताज़ दोनों विशेषज्ञों ने बताया कि- कार्डियोवेस्कुलर स्क्रीनिंग, हाइपोग्लाइसीमिया के प्रभाव,
क्रोनिक आर्टरी डिजीज में ब्लड शुगर नियंत्रण, और एंटी-डायबेटिक दवाओं की भूमिका डायबीटीज़ मरीजों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

प्रो. डॉ. श्रीकांत - डायबिटिक रेटिनोपैथी की चेतावनी

नेत्र विशेषज्ञ प्रो. डॉ. श्रीकांत ने चेतावनी दी कि डायबिटिक रेटिनोपैथी अक्सर देर से पहचान में आती है। उन्होंने बताया कि समय पर जांच और एंडोक्राइनोलॉजिस्ट–नेत्र विशेषज्ञ की संयुक्त देखभाल से गंभीर नुकसान रोका जा सकता है।
सुश्री अन्वेषा मजूमदार ने मधुमेह नियंत्रण में संतुलित आहार की भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने आसान और व्यवहारिक आहार योजनाएं साझा कीं, जिन्हें हर मरीज अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकता है।

चेयरमैन प्रो. डॉ. एस.के. सिंह ने सभी विशेषज्ञों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि- “मधुमेह केवल बीमारी नहीं, बल्कि जीवनशैली से जुड़ी चुनौती है। जागरूकता और समय पर जांच से इसे हराया जा सकता है। सभी आयु वर्गों के लिए डायबीटीज़ प्रबंधन को समझना अत्यंत आवश्यक है।”