BHU गैस्ट्रो ओपीडी में छात्र और रेजिडेंट डॉक्टर के बीच विवाद, छात्रों ने लगाया दुर्व्यवहार और मारपीट का आरोप
गैस्ट्रोलॉजी विभाग में इलाज कराने पहुंचे लॉ छात्र का हेल्थ कार्ड फेंकने से भड़का मामला, छात्रों ने 5 घंटे किया प्रदर्शन, सुरक्षा कर्मी पर भी अभद्रता और मारपीट का आरोप।
वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल स्थित गैस्ट्रोलॉजी विभाग में शनिवार को लॉ फैकल्टी के छात्र और रेजिडेंट डॉक्टर के बीच कहासुनी ने गंभीर रूप ले लिया। इलाज कराने पहुंचे छात्र का आरोप है कि डॉक्टर ने उसे देखने से इनकार कर दिया और उसका हेल्थ कार्ड फेंक दिया, जिसके बाद छात्रों ने धरना देकर विरोध दर्ज कराया।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
लॉ विभाग का छात्र मिथिलेश प्रसाद गुप्ता सुबह 10 बजे के करीब अस्पताल की ओपीडी स्थित गैस्ट्रोलॉजी विभाग (कैमरा नंबर-19) में इलाज कराने गया था। उसका आरोप है कि वहां मौजूद एक जूनियर डॉक्टर ने उसे फौरन देखने से मना करते हुए 12 बजे आने को कहा।
मिथिलेश का कहना है कि जब वह दोबारा 12 बजे पहुंचा, तो वही डॉक्टर चाय पी रहे थे और देखने से मना कर दिया। इस दौरान छात्र ने जब पर्ची बढ़ाई, तो डॉक्टर ने हेल्थ डायरी उसके चेहरे पर फेंक दी और कहा कि "तुम्हें कोई डॉक्टर नहीं देखेगा।"
छात्रों का धरना और हंगामा
इस घटना के बाद छात्र ने अपने सहपाठियों को बुलाया और शांतिपूर्ण विरोध दर्ज कराने लगे। लेकिन मामला तब और बिगड़ गया जब धरना स्थल पर मौजूद एक सुरक्षाकर्मी ने छात्रों को 'हिजड़ा' जैसे अपमानजनक शब्द कहे और उन्हें बाहर निकालने का प्रयास किया। छात्रों का आरोप है कि सुरक्षाकर्मी शराब के नशे में था, जिसके फोटो और वीडियो भी उनके पास मौजूद हैं।
इसके बाद छात्रों और प्रॉक्टोरियल बोर्ड के बीच धक्का-मुक्की और झड़प की स्थिति बन गई। करीब 5 घंटे तक अस्पताल परिसर में छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा। छात्रों के अनुसार, प्रॉक्टोरियल बोर्ड और सुरक्षा कर्मियों द्वारा लाइट बंद कर मारपीट की गई, जिसमें तीन छात्र घायल हो गए। इनमें नीतीश सिंह और रोहन प्रजापति को गंभीर चोटें आई हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए बीएचयू चौकी प्रभारी सौरभ तिवारी, डिप्टी चीफ प्रॉक्टर और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और छात्रों को शांत कराया।
चौकी प्रभारी सौरभ तिवारी ने कहा, "छात्रों द्वारा लिखित शिकायत ली जा रही है। मामले की जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।"
छात्र की पूरी आपबीती
मिथिलेश प्रसाद गुप्ता ने कहा – “मेरी हेल्थ डायरी को डॉक्टर ने मेरे मुंह पर फेंक दिया और कहा कोई इलाज नहीं करेगा। जब मैंने विरोध किया तो प्रॉक्टोरियल बोर्ड के लोग आये, लेकिन एक सुरक्षाकर्मी ने हमें ‘हिजड़ा’ बोलकर अपमानित किया और गाली दी। जब मैंने विरोध किया तो मुझे और मेरे साथियों को मारा गया।”