वाराणसी में 10 नए विजन सेंटर खुलेंगे, BHU नेत्र विभाग ने अब तक किए 52 कॉर्निया ट्रांसप्लांट: केंद्रीय टीम ने किया निरीक्षण
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने BHU समेत कई अस्पतालों का किया दौरा, कॉर्निया ट्रांसप्लांट में BHU नेत्र विभाग की अहम भूमिका
मोतियाबिंद सर्जरी, निशुल्क चश्मा और बच्चों की स्क्रीनिंग पर फोकस
ग्रामीण CHC और मंडलीय अस्पतालों का भी हुआ निरीक्षण
वाराणसी,भदैनी मिरर। नेशनल प्रोग्राम फॉर कंट्रोल ऑफ ब्लाइंडनेस एंड विजुअल इंपेयरमेंट के तहत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय टीम ने शनिवार को वाराणसी में BHU समेत विभिन्न अस्पतालों का गहन निरीक्षण किया। टीम का नेतृत्व एसएमओ प्रोग्राम इंचार्ज डॉ. सी. अपर्णा ने किया, जिनके साथ टेक्निकल कंसल्टेंट डॉ. राहुल पांडेय और मेडिकल कंसल्टेंट डॉ. प्रणय शर्मा मौजूद रहे।
टीम ने BHU के नेत्र संस्थान और ENT विभाग के साथ ही शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मिसिरपुर, चोलापुर और काशी विद्यापीठ ब्लॉक स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर का दौरा किया। इस दौरान चिकित्सीय सेवाओं की गुणवत्ता, उपकरणों की उपलब्धता और मरीजों की सुविधा का जायजा लिया गया।
BHU नेत्र विभाग की बड़ी उपलब्धि: 52 सफल कॉर्निया ट्रांसप्लांट
BHU के नेत्र विभाग के डॉ. आर. पी. मौर्या के नेतृत्व में पिछले तीन वर्षों में कुल 64 कॉर्निया दान में प्राप्त हुए हैं। इनमें से अब तक 52 लोगों में सफल प्रत्यारोपण कर उन्हें दृष्टि प्रदान की जा चुकी है। यह कार्य राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम के तहत किया गया, जिससे कई लोग सामान्य जीवन जीने में सक्षम हो सके हैं।
केंद्रीय टीम की समीक्षा बैठक के बाद यह तय किया गया कि वाराणसी में अंधता नियंत्रण कार्यक्रम को और प्रभावी बनाने के लिए BHU नेत्र विभाग के सहयोग से 10 नए विजन सेंटर खोले जाएंगे। इससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लोगों को समय पर नेत्र जांच व उपचार मिल सकेगा।
सभी चिन्हित मोतियाबिंद मरीजों की निशुल्क सर्जरी के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ ही ऑप्टोमेट्रिस्ट व सर्जनों को अत्याधुनिक तकनीक पर प्रशिक्षण देने हेतु सभी चिकित्सा संस्थानों से प्रस्ताव मंगाए जाएंगे। सरकार द्वारा सभी वृद्धजनों को निःशुल्क चश्मा वितरण की भी योजना तैयार की जा रही है।
बच्चों की दृष्टि जांच और फ्री चश्मा वितरण
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत इस वर्ष जिले के सभी सरकारी विद्यालयों में दृष्टिदोष से पीड़ित बच्चों की जांच की जाएगी। जरूरतमंद बच्चों को निःशुल्क चश्मा प्रदान किया जाएगा ताकि उनके शैक्षणिक विकास में बाधा न आए।
केंद्रीय स्वास्थ्य टीम ने चोलापुर और मिसिरपुर के CHC में भी निरीक्षण किया। उन्होंने रजिस्टर, दवाओं की उपलब्धता, रसीद व्यवस्था, ऑपरेशन थिएटर और रेफरल प्रक्रिया की समीक्षा की। स्टाफ नर्स, CHO, ANM और आशा कार्यकर्ताओं से बातचीत कर सेवा सुधार हेतु सुझाव लिए।
केंद्रीय टीम अपने निरीक्षण के आधार पर चेकलिस्ट के अनुसार एक रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजेगी। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय अंधता और बाधिरता नियंत्रण कार्यक्रमों के तहत मिलने वाली सेवाओं को और बेहतर बनाना है। साथ ही केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त पहल से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को मजबूती मिलेगी।