Kis Kis Ko Pyaar Karoon 2 Review: कपिल शर्मा की कॉमेडी फिर जमाई रंग, मजेदार लेकिन थोड़ी खिंची हुई कहानी
कपिल शर्मा की तड़क–भड़क वाली मल्टी-मैरिज कॉमेडी दोबारा लौटी—हास्य, सामाजिक संदेश और बेहतरीन टाइमिंग से भरपूर, लेकिन लंबा रनटाइम करता है थोड़ा निराश।
नई दिल्ली। कपिल शर्मा एक बार फिर बड़े पर्दे पर लौटे हैं Kis Kis Ko Pyaar Karoon 2 के साथ—एक ऐसी कॉमेडी जो उनके पुराने चुलबुले अंदाज़ को आधुनिक सामाजिक संदेशों के साथ जोड़ती है। अनुकल्प गोस्वामी द्वारा लिखित और निर्देशित यह फिल्म 2015 की पहली किस्त वाली कहानी को ही आगे बढ़ाती है, बस इस बार इसमें धर्म, रिश्तों और स्वीकार्यता पर खास ज़ोर दिया गया है।
कहानी: मोहब्बत, गलतफहमियां और तीन शादियों का घालमेल
फिल्म की कहानी भोपाल के मोहान शर्मा (कपिल शर्मा) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपनी प्रेमिका सान्या (हीरा वरीना) से शादी करना चाहता है। लेकिन परिवारों के धार्मिक मतभेदों के चलते स्थिति बिगड़ जाती है।
सान्या के परिवार को मनाने के लिए मोहन इस्लाम अपनाने को तैयार हो जाता है, लेकिन गलतफहमी के चलते उसकी शादी सान्या की बहन रूही (आयेशा खान) से हो जाती है।
फिर मोहन के परिवार वाले उसे जबरन मीरा (त्रिधा चौधरी) से शादी करा देते हैं।
कहानी आगे बढ़ती है तो सान्या ईसाई धर्म अपनाकर चर्च में शादी का प्रस्ताव रखती है-और इसी कोशिश में मोहन तीसरी बार जैनी (परुल गुलाटी) से शादी कर बैठता है।
इस बीच पुलिस भी उसे ढूंढ रही होती है, क्योंकि मोहन एक पादरी के सामने अपनी “तीन शादियों” का खुलासा कर चुका होता है।
परफॉर्मेंस: कपिल शर्मा की कॉमिक टाइमिंग चमकी
कपिल शर्मा का कॉमिक अंदाज़ इस बार ज्यादा परिपक्व दिखता है। उनकी लाइनें सिर्फ हंसाती नहीं, बल्कि कई सीनों में संवेदनशीलता भी ले आती हैं। मंजोत सिंह (हबी) उनके बेस्ट फ्रेंड के किरदार में शानदार सपोर्ट देते हैं।
फिल्म में दिवंगत असरानी जी की उपस्थिति भावुक कर देने वाली है। उम्र के इस पड़ाव पर भी उन्होंने अपनी अदाकारी से दमदार हास्य जोड़ा।
लेखन और डायरेक्शन: ओवर-द-टॉप गग्स लेकिन संदेश भी मजबूत
हालांकि फिल्म में पहले भाग की तरह कई स्लैपस्टिक और हल्के-फुल्के मज़ाक हैं, लेकिन इस बार लेखक अनुकल्प गोस्वामी ने कहानी में धर्म, साम्प्रदायिकता और स्वीकार्यता जैसे मजबूत मुद्दों को सहज हास्य के साथ पिरोया है।
- "प्यार बदलने का नहीं, अपनाने का नाम है" — यह डायलॉग फिल्म की सोच को पूरी तरह दर्शाता है।
- अमर अकबर एंथनी जैसा मेल-मिलाप और कमाल की टाइमिंग कई जगह फिल्म को खास बनाती है।
कमियां: लंबा रनटाइम और अनावश्यक गीत
इंटरवल के बाद कहानी थोड़ी खिंची महसूस होती है।
तीन गाने बिना ज़रूरत कहानी की रफ्तार धीमी कर देते हैं।
क्लाइमेक्स के बाद का बढ़ाया गया हिस्सा दर्शकों की सहनशीलता थोड़ा परखता है।
तकनीकी पक्ष और बाकी कलाकार
- आयेशा, त्रिधा और परुल अपने किरदारों में फिट दिखती हैं।
- अखिलेंद्र मिश्रा और विपिन शर्मा जैसे कलाकारों ने महत्वपूर्ण भूमिकाओं को विश्वसनीय बनाया।
- फिल्म में ट्रांस समुदाय का दृश्य सम्मानजनक और संवेदनशील तरीके से दिखाया गया है, जो हिंदी कॉमेडी फिल्मों में कम ही देखने को मिलता है।
फैसला (Verdict)
Kis Kis Ko Pyaar Karoon 2 एक हल्की-फुल्की पारिवारिक कॉमेडी है—जिसमें हंसी भी है, भावनाएं भी और सामाजिक संदेश भी।
यूं तो इसका लंबा रनटाइम निराश कर सकता है, लेकिन कपिल शर्मा और पूरी स्टारकास्ट फिल्म को मनोरंजक बनाए रखते हैं।
परिवार के साथ देखने लायक आसान और फील-गुड कॉमेडी।