धर्मेंद्र के निधन पर शोक में डूबा देश: राष्ट्रपति, PM मोदी, अमित शाह और राहुल गांधी ने व्यक्त की गहरी संवेदना
89 वर्ष की आयु में दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र का निधन; राष्ट्रपति मुर्मू, प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री शाह और राहुल गांधी ने इसे भारतीय सिनेमा के लिए अपूरणीय क्षति बताया
नई दिल्ली, भदैनी मिरर। भारतीय सिनेमा के महान अभिनेता और पूर्व सांसद धर्मेंद्र के निधन से देशभर में शोक की लहर है। 89 वर्ष की आयु में उनके देहांत के बाद शीर्ष नेताओं से लेकर लाखों प्रशंसकों ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। फिल्म इंडस्ट्री में “ही-मैन” के नाम से मशहूर धर्मेंद्र ने छह से अधिक दशकों तक अपने अभिनय से लोगों के दिलों पर राज किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू: “धर्मेंद्र जी का निधन भारतीय सिनेमा के लिए एक बहुत बड़ा नुकसान”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने धर्मेंद्र के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा- “धर्मेंद्र जी का निधन भारतीय सिनेमा के लिए एक बहुत बड़ा नुकसान है। उन्होंने दशकों तक कई यादगार किरदार निभाए। भारतीय सिनेमा के एक towering figure के रूप में उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी।”
उन्होंने परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं प्रकट कीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा- “धर्मेंद्र जी के जाने से भारतीय सिनेमा में एक युग का अंत हो गया। वे एक iconic personality थे, जिन्होंने विविध किरदारों को अविस्मरणीय तरीके से निभाया। उनकी सादगी, विनम्रता और गर्मजोशी ने हर दिल को छुआ।”
पीएम मोदी ने इस दुखद घड़ी में परिवार और चाहने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
गृह मंत्री अमित शाह ने धर्मेंद्र के निधन को भारतीय फिल्म जगत के लिए “अपूरणीय क्षति” बताया।
उन्होंने कहा- “एक सामान्य परिवार से आने के बावजूद धर्मेंद्र जी ने फिल्म जगत में अद्वितीय पहचान बनाई। उनके द्वारा निभाया हर किरदार जीवंत हो उठता था। उनका योगदान सदा याद रखा जाएगा।”
कांग्रेस नेता **राहुल गांधी** ने भी धर्मेंद्र के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा-
*“सिनेमा में लगभग सात दशकों के उनके अद्वितीय योगदान को हमेशा सम्मान के साथ याद किया जाएगा। धर्मेंद्र जी को भावभीनी श्रद्धांजलि। संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं।”
धर्मेंद्र का करियर भारतीय सिनेमा का स्वर्णिम अध्याय रहा है। ‘शोले’, ‘चुपके-चुपके’, ‘सीता और गीता’, ‘धरम वीर’, ‘अनपढ़’, ‘आजाद’ और ‘यादों की बारात’ जैसी कई फिल्में उनकी पहचान बन गईं। वे सिर्फ एक अभिनेता ही नहीं, बल्कि भारतीय समाज के दिलों में बसे एक मजबूत, सरल और ज़मीन से जुड़े इंसान थे।
उनके निधन से भारतीय सिनेमा एक ऐसे सितारे को खो बैठा है जो आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा प्रेरणा रहेगा।