क्या बंद होगी Al Falah University? MBBS छात्रों की बढ़ी चिंता, पढ़ें प्रशासन का पूरा जवाब
दिल्ली ब्लास्ट केस में जांच के बीच अल फलाह यूनिवर्सिटी पर कार्रवाई; फैकल्टी और प्रशासन ने अभिभावकों को दिया भरोसा—“क्लासेस जारी, मान्यता पर कोई संकट नहीं
नई दिल्ली। दिल्ली ब्लास्ट मामले में फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी जांच के दायरे में आने के बाद छात्रों और अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। यूनिवर्सिटी से जुड़े दो डॉक्टरों के आतंकी संगठन से कथित संबंध सामने आने के बाद प्रशासनिक कार्रवाई तेज हुई है। ऐसे माहौल में MBBS पढ़ रहे छात्रों के परिवारों ने प्रशासन से सीधे बात की और विश्वविद्यालय बंद होने की आशंका पर जवाब मांगा।
प्रशासन का दावा—“मान्यता पर कोई संकट नहीं, क्लासेस सामान्य”
अभिभावकों की मांग पर शनिवार को यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ फैकल्टी मेंबर्स ने बैठक की। करीब दो घंटे की इस मुलाकात में फैकल्टी ने साफ कहा कि यूनिवर्सिटी बंद नहीं होगी और राष्ट्रीय मेडिकल आयोग (NMC) द्वारा दी गई मान्यता बरकरार है।
फैकल्टी के अनुसार—
- MBBS सीटें दो साल पहले ही NMC ने 150 से बढ़ाकर 200 की थीं,
- नोटिस पर प्रशासन विस्तार से जवाब दे चुका है,
- और क्लासेस व प्रैक्टिकल्स सामान्य रूप से चल रहे हैं।
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने यह भी कहा कि कैंपस की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जा रहा है।
VC से मुलाकात नहीं, पर फैकल्टी ने दिया भरोसा
अभिभावकों की बैठक में यूनिवर्सिटी की कुलपति (VC) शामिल नहीं हो सकीं, लेकिन सीनियर प्रोफेसर्स ने उन्हें भरोसा दिलाया कि- “यूनिवर्सिटी बंद नहीं होगी और हालात जल्द सामान्य होंगे।”
अभिभावकों ने यूनिवर्सिटी के हालात पर सरकारी हस्तक्षेप की भी मांग की। उनका कहना है कि मामला गंभीर है और सैकड़ों छात्रों के भविष्य को लेकर सरकार को स्पष्ट कदम उठाने चाहिए।
जांच जारी, AIU और NMC भी कर रहे समीक्षा
अभिभावकों ने बताया कि यूनिवर्सिटी फिलहाल कई एजेंसियों की जांच के घेरे में है—
- नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC)
- एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (AIU)
जांच के कारण मान्यता पर संकट की आशंका जताई जा रही है, लेकिन प्रशासन ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और सभी विभाग सक्रिय रूप से जवाब दे रहे हैं।
लाखों की पढ़ाई पर संकट का डर
चंडीगढ़ से आए MBBS फोर्थ ईयर छात्र के पिता खुशहाल सिंह ने बताया कि उन्होंने बच्चे की पढ़ाई पर लाखों रुपये खर्च किए हैं और अब यूनिवर्सिटी की छवि को नुकसान होने से करियर पर बुरा असर पड़ सकता है।
दूसरे अभिभावक रजनीश ने कहा- “कैंपस की क्षमता लगभग एक हजार छात्रों की है। डॉक्टरों के आतंकी गतिविधियों से जुड़े होने की खबर से छात्र मानसिक रूप से काफी प्रभावित हुए हैं।”
दोनों अभिभावकों ने सरकार से मांग की कि स्थिति को देखते हुए छात्रों का भविष्य सुरक्षित रखा जाए।
प्रशासन की अपील-“घबराएं नहीं, कैंपस सुरक्षित”
यूनिवर्सिटी प्रशासन का स्पष्ट बयान है कि:
- सभी छात्र कैंपस में सुरक्षित हैं
- क्लासेस सामान्य रूप से चल रही हैं
- सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है
- मान्यता बरकरार है और नोटिस का आधिकारिक जवाब दे दिया गया है
प्रशासन ने कहा कि अभिभावक अफवाहों पर ध्यान न दें।