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आचार्य सीताराम चतुर्वेदी महिला महाविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय ओजोन दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित


"जीवन के लिए ओजोन" थीम के साथ छात्राओं और शिक्षकों ने ओजोन परत संरक्षण का संकल्प लिया – वियना कन्वेंशन और पर्यावरणीय जिम्मेदारी पर चर्चा

 

वाराणसी। आज डोमरी (पड़ाव), रामनगर स्थित आचार्य सीताराम चतुर्वेदी महिला महाविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय ओजोन दिवस 2025 पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में छात्राओं, शिक्षकों और शिक्षिकाओं ने बड़ी संख्या में भाग लेकर ओजोन परत संरक्षण और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को लेकर अपने विचार साझा किए।

महाविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. सूर्य प्रकाश वर्मा ने कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जीवन के लिए ऑक्सीजन से भी अधिक आवश्यक ओजोन है। उन्होंने बताया कि ओजोन परत की रक्षा करना आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि ओजोन संरक्षण को लेकर वियना कन्वेंशन 22 मार्च 1985 को 28 देशों द्वारा अपनाया गया था, जिसका उद्देश्य पृथ्वी की ओजोन परत की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

डॉ. वर्मा ने कार्यक्रम का विषय बताते हुए कहा कि विश्व ओजोन दिवस 2025 की थीम “विज्ञान से वैश्विक कार्यवाई तक” (From Science to Global Action) है। यह थीम वैज्ञानिक खोजों और वैश्विक सहयोग से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रयासों को बढ़ावा देती है। उन्होंने उपस्थित छात्राओं और शिक्षकों से ओजोन परत की रक्षा हेतु जागरूकता फैलाने का आह्वान किया।

कार्यक्रम का संचालन अंजली विश्वकर्मा ने कुशलतापूर्वक किया। अंत में डॉ. अरुण कुमार दुबे ने सभी छात्राओं, शिक्षकों और शिक्षिकाओं का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए पर्यावरण संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ. प्रतिमा राय, दीपक गुप्ता, डॉ. सुप्रिया दुबे, वैशाली पाण्डेय, डॉ. बलवंत सिंह, सुश्री नेहा सिंह, सोफिया खानम, मुकेश गुप्ता, डॉ. लक्ष्मी सहित अन्य शिक्षक–शिक्षिकाएं तथा छात्राएं उपस्थित रहीं।

इस अवसर पर सभी ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने और ओजोन परत की सुरक्षा के लिए जनजागरूकता फैलाने का संकल्प लिया। महाविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील और सक्रिय नागरिक बनने के लिए प्रेरित किया।