पति की मौत के बाद सास-ससुर पर झूठे केस करने वाली महिला पर दिल्ली HC का बड़ा फैसला, अपनाया कड़ा रुख
अदालत बोली – यह न्याय नहीं, सोची-समझी प्रताड़ना है, बुजुर्ग सास-ससुर को प्रताड़ित करने पर लगा जुर्माना
कीमती वक्त बर्बाद करने पर अदालत ने जताई नाराजगी
नई दिल्ली। पति की मौत के बाद दूसरी शादी कर चुकी एक महिला को बुजुर्ग सास-ससुर पर झूठे मुकदमों में घसीटना भारी पड़ गया। दिल्ली हाईकोर्ट ने महिला पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए उसके खिलाफ सख्त टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि महिला ने कानून का दुरुपयोग कर अपने सास-ससुर को बार-बार परेशान किया और यह सिर्फ और सिर्फ प्रताड़ना है।
जस्टिस अरुण मोंगा की पीठ ने कहा कि महिला का आचरण न्याय की मांग नहीं, बल्कि सोच-समझकर की गई उत्पीड़नात्मक कार्रवाई है। पति की मौत के बाद भी महिला लगातार घरेलू हिंसा कानून के तहत बुजुर्ग सास-ससुर को कोर्ट-कचहरी में खींचती रही। अदालत ने माना कि यह बुजुर्गों का न सिर्फ उत्पीड़न है बल्कि उनका सार्वजनिक अपमान भी है।
हाईकोर्ट ने निचली अदालत के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें बुजुर्ग ससुराल पक्ष को घरेलू हिंसा मामले में फिर से शामिल करने का निर्देश दिया गया था। अदालत ने कहा कि महिला ने न केवल ससुराल पक्ष को परेशान किया बल्कि अदालत का कीमती समय भी बर्बाद किया।
इस फैसले से बुजुर्ग सास-ससुर को बड़ी राहत मिली है। वहीं अदालत ने महिला को यह सख्त सबक दिया कि न्यायालय की प्रक्रिया का दुरुपयोग कर किसी को अनावश्यक रूप से प्रताड़ित नहीं किया जा सकता।