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धोखाधड़ी कर 42 लाख रुपए हड़पने के मामले में महिला को कोर्ट से मिली जमानत, वाराणसी अदालत ने सुनाया आदेश

डीएमआई हाउसिंग फाइनेंस कंपनी से फर्जी दस्तावेजों पर लोन लेकर रकम हड़पने का आरोप, चंदौली की बैजन्ती देवी को मिली राहत — कोर्ट ने दो लाख की जमानत पर रिहा किया।

 

डिजिटल डेस्क, वाराणसी। धोखाधड़ी कर लाखों रुपए हड़पने के मामले में वाराणसी की अदालत से एक महिला को बड़ी राहत मिली है। अदालत ने आरोपिता बैजन्ती देवी, निवासी मुगलसराय (चंदौली), को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।

अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) देवकांत शुक्ला की अदालत ने आदेश देते हुए कहा कि बैजन्ती देवी को एक-एक लाख रुपए की दो जमानतें और बंधपत्र देने पर जेल से रिहा किया जाए।

अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, आनंद तिवारी पंकज, नरेश यादव और संदीप यादव ने पक्ष रखा।

मामला: DMI हाउसिंग फाइनेंस से फर्जी दस्तावेजों पर लोन

अभियोजन पक्ष के अनुसार, डीएमआई हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के अधिकृत प्रतिनिधि राम प्रकाश राय ने सिगरा थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी।

शिकायत में कहा गया था कि कंपनी आवासीय भूखंडों की खरीद और निर्माण के लिए वित्तीय सुविधाएं प्रदान करती है। इस दौरान बैजन्ती देवी ने अपने पुत्र बृजेश चौहान और अन्य साथियों — पूनम यादव, अनिल यादव, सुनील यादव, ऊषा देवी, शमशेर अली, गुड़िया और रवि सिंह — के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों और जाली हस्ताक्षरों के आधार पर 42.01 लाख रुपए का लोन लिया और रकम हड़प ली।

टीम लीडर पर भी मिलीभगत का आरोप

शिकायत में यह भी आरोप था कि कंपनी के सेल्स डिपार्टमेंट के टीम लीडर ने भी इस पूरी साजिश में आरोपितों की मदद की। जांच में सभी के खिलाफ ठोस सबूत मिलने पर पुलिस ने धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया और आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया।
पुलिस ने आरोपिता बैजन्ती देवी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। हालांकि अब अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश जारी किया है।