वाराणसी गैंगरेप केस: SIT जांच रिपोर्ट में बंधक बनाने का आरोप गलत, कोर्ट में 8 जुलाई तक चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी
लालपुर-पांडेयपुर की युवती के मामले में SIT जांच पूरी, 431 पन्नों की रिपोर्ट में 210 CCTV फुटेज और 24 गवाहों के बयान शामिल
Jun 27, 2025, 11:17 IST
वाराणसी दौरे पर पीएम मोदी ने पुलिस आयुक्त (CP) मोहित अग्रवाल और तत्कालीन मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा से ली थी जानकारी
आरोपित के परिजनों ने निष्पक्ष जांच और विवेचना के लिए सौंपा गया पत्रक
पीड़िता की सहेली के साथ आरोपित परिजन ज्ञापन देने पहुंचे थे पीएम मोदी के संसदीय कार्यालय
वाराणसी, भदैनी मिरर। लालपुर-पांडेयपुर थाना क्षेत्र की युवती से कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले में एसआईटी (विशेष जांच टीम) ने जांच पूरी कर ली है। अब तक की जांच में यह बात साफ हुई है कि युवती को बंधक बनाकर रखने या जबरन कहीं ले जाने का कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिला है। SIT ने मामले में सभी सबूतों और बयानों के आधार पर 431 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है और 8 जुलाई 2025 तक चार्जशीट दाखिल किए जाने की तैयारी है।
बता दें, बहुचर्चित इस प्रकरण को बीते दिनों खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी दौरे के दौरान संज्ञान में ले लिया था। तत्कालीन मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा और पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल से उन्होंने घटनाक्रम और कार्रवाई की जानकारी एयरपोर्ट पर ही ली थी। जिसके बाद मामला और तुल पकड़ा।
जांच की प्रमुख बातें:
- कुल 431 पेज की रिपोर्ट तैयार
- 210 CCTV फुटेज का गहन विश्लेषण किया गया
- 24 गवाहों के बयान दर्ज
- 11 इंस्टाग्राम अकाउंट खंगाले गए
- 12 CDR (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) की जांच हुई
- 165 लोगों से पूछताछ
- SIT ने यह भी जांचा कि कोई निर्दोष इस मामले में न फंसे
यह है पूरा घटनाक्रम
29 मार्च को युवती के लापता होने पर परिजनों ने लालपुर-पांडेयपुर थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने लड़की को उसकी सहेली के घर से बरामद किया। लेकिन 6 अप्रैल को पीड़िता की मां ने दोबारा थाने पहुंचकर आरोप लगाया कि उनकी बेटी के साथ कई लोगों ने दुष्कर्म किया है। इसके बाद 8 अप्रैल से लेकर 15 अप्रैल के बीच 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
पीएम मोदी के संज्ञान लिए जाने के बाद मामले में तूल पकड़ा। इसी बीच आरोपित के परिजनों ने निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। आरोपित के परिजनों द्वारा लगाए जा रहे आरोप और निष्पक्ष जांच के लिए पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने डीसीपी वरुणा प्रमोद कुमार के नेतृत्व में 17 अप्रैल को SIT गठित की गई थी, ताकि निष्पक्ष और साक्ष्य-आधारित जांच हो सके। SIT ने डिजिटल, तकनीकी और मानवीय सभी एंगल से जांच करते हुए यह स्पष्ट किया कि बंधक बनाने का आरोप प्रमाणित नहीं हो पाया है।
SIT की रिपोर्ट में बताया गया कि युवती कुछ अभियुक्तों के साथ स्वतंत्र रूप से मॉल, घाट और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर घूमती हुई भी दिखाई दी। उसने अलग-अलग 11 मोबाइल से इंस्टाग्राम चलाया, कॉल की, लेकिन किसी को घटना की जानकारी नहीं दी। पूछे जाने पर युवती ने बताया कि शर्म और डर की वजह से उसने घर नहीं जाने का निर्णय लिया।