वाराणसी: छेड़खानी व प्राणघातक हमले के आरोपी भाइयों को कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत
पुरानी रंजिश में दर्ज हमले और छेड़खानी के केस में राखी नेवादा के दो सगे भाइयों को मिली राहत, अदालत ने ₹50-50 हजार के बंधपत्र पर दी अंतरिम जमानत
वाराणसी। जंसा थाना क्षेत्र के राखी नेवादा गांव में पुरानी रंजिश को लेकर दर्ज छेड़खानी और प्राणघातक हमले के मामले में अदालत ने आरोपितों को अंतरिम राहत दे दी है।
प्रभारी सत्र न्यायाधीश की अदालत ने आरोपित सगे भाइयों अमरनाथ यादव और लालजी यादव को ₹50-50 हजार रुपये के दो बंधपत्र देने पर अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश जारी किया है। अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 23 अक्टूबर 2025 तय की है।
अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, रोहित यादव और संदीप यादव ने आरोपितों की ओर से पैरवी की। बचाव पक्ष का तर्क था कि मामला पुरानी रंजिश से प्रेरित है और दोनों आरोपितों को झूठा फंसाया गया है।
क्या था मामला
अभियोजन पक्ष के अनुसार, राखी नेवादा निवासी वादी शशिकान्त यादव ने जंसा थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। एफआईआर के मुताबिक, 24 जून 2018 की सुबह 8:30 बजे, जब वादी अपनी जमीन पर ईंट गिरवा रहा था, तभी पुरानी रंजिश के चलते अमरनाथ यादव, लालजी यादव, शिवशंकर यादव, रविशंकर यादव, सुजीत यादव और सुनील यादव लाठी-डंडे लेकर पहुंच गए।
इन सभी ने घर के बाहर खड़े होकर गाली-गलौज की और हमला कर दिया। शोर सुनकर जब वादी का भाई ऋषिकान्त यादव, माता सविता देवी, पिता राजेन्द्र प्रसाद यादव, तथा मोहल्ले के लोग मुरली यादव और दलसिंगार यादव बचाव के लिए पहुंचे तो उन्हें भी मारपीट का शिकार बनाया गया।
वादी की माता सविता देवी जब बचने के लिए घर के अंदर गईं तो हमलावरों ने घर में घुसकर उनके गले से सोने की चेन छीन ली। इसी बीच वादी की बहन सुषमा यादव को बचाने गईं तो उसके साथ छेड़खानी और अभद्रता की गई। इस हमले में कई लोगों को सिर और शरीर पर गंभीर चोटें आईं।
पुलिस ने जांच के बाद सभी आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित कर दिया था। दोनों आरोपितों अमरनाथ यादव और लालजी यादव ने अदालत में समर्पण कर जमानत की अर्जी दाखिल की, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी।
मामले में अब नियमित जमानत पर सुनवाई 23 अक्टूबर 2025 को होगी, जहां दोनों आरोपितों की स्थायी जमानत पर निर्णय लिया जाएगा।