वाराणसी: हॉस्टल में बिहार की छात्रा स्नेहा सिंह का मौत मामला, सोशल मीडिया फ्रेंड शिवम पांडेय को हाईकोर्ट से मिली जमानत
दुर्गाकुंड चौकी के गुरुधाम स्थित हॉस्टल में स्नेहा की हुई थी संदिग्ध मौत, इंजीनियरिंग की कर रही थी कोचिंग से तैयारी
Sep 30, 2025, 10:48 IST
कोर्ट ने कहा—सिर्फ आरोप के आधार पर आत्महत्या के लिए उकसावा नहीं माना जा सकता
वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र के गुरुधाम (दुर्गाकुंड) के हॉस्टल में रहकर इंजीनियरिंग की तैयारी कर रही छात्रा स्नेहा सिंह की संदिग्ध हालात में मौत मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी सोशल मीडिया फ्रेंड शिवम पांडेय को जमानत दे दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की एकलपीठ ने सुनाया।
बिहार के सासाराम निवासी स्नेहा सिंह का शव हॉस्टल के कमरे में फंदे से लटका मिला था। पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के साथ ही परिजनों को सूचना दी। परिजनों ने आरोप लगाया था कि घटना के बाद पुलिस ने आनन-फानन में शव का हरिश्चंद्र घाट पर अंतिम संस्कार कराया था। इस दौरान परिजनों ने कड़ा विरोध जताया था और हॉस्टल संचालक रामेश्वर पांडेय के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।
जांच में आया शिवम पांडेय का नाम
विवेचना के दौरान पुलिस को मृतका की व्हाट्सएप चैटिंग से शिवम पांडेय का नाम मिला। पुलिस ने आरोप लगाया कि उसने छात्रा को आत्महत्या के लिए उकसाया। इसी आधार पर 5 जुलाई को उसे जेल भेज दिया गया था। निचली अदालत से जमानत खारिज होने के बाद शिवम पांडेय ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई।
याची के अधिवक्ता ने कोर्ट में कहा कि - आरोपी और मृतका की कभी प्रत्यक्ष मुलाकात नहीं हुई, केवल सोशल मीडिया पर बातचीत होती थी। छात्रा का शव तौलिए से लटका मिला, जिससे आत्महत्या संदिग्ध है। नामजद हॉस्टल संचालक को बचाने के लिए पुलिस ने साजिशन याची को फंसाया।
हाईकोर्ट का आदेश
हाईकोर्ट ने कहा कि केवल आरोप या साधारण उत्पीड़न को आत्महत्या के लिए उकसावा नहीं माना जा सकता, जब तक स्पष्ट इरादा और प्रत्यक्ष कृत्य न हो। सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों का हवाला देते हुए अदालत ने शिवम पांडेय की जमानत मंजूर कर दी।