वाराणसी: हमले के मामले में पिता और दो पुत्रों को अदालत ने किया दोषमुक्त
अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने आरोप सिद्ध न होने पर सभी आरोपितों को दी बड़ी राहत
वाराणसी, भदैनी मिरर। मुकदमे की रंजिश को लेकर हुए हमले में पिता और उसके दो पुत्रों को अदालत से बड़ी राहत मिली है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (तृतीय) श्रीकांत गौरव की अदालत ने विचारण के बाद आरोप सिद्ध न होने पर मड़ईया, कपसेठी निवासी जवाहिर व उसके पुत्र आनंद और अखिलेश को दोषमुक्त कर दिया।
बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, बृजपाल सिंह यादव गुड्डू, नरेश यादव और संदीप यादव ने मामले का पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि मड़ईया, कपसेठी निवासी परिवादी रामआसरे पटेल ने अदालत में परिवाद दर्ज कराया था। आरोप था कि 13 जून 2012 को सुबह 6 बजे आरोपितों ने उसकी आराजी पर कब्जा करने का प्रयास किया और कानूनगो व हल्का लेखपाल द्वारा गाड़ा गया पत्थर उखाड़ने लगे।
जब परिवादी और उसके परिवार ने विरोध किया तो आरोपितों ने भद्दी-भद्दी गालियां देते हुए लाठी-डंडा व चाकू से हमला किया, जिससे परिवादी, उसके भाई रामभरोसे और भाभी गीता देवी को गंभीर चोटें आई। भाभी का हाथ भी टूट गया।
अदालत का निर्णय
कपसेठी थाने में शिकायत के बाद जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो परिवादी ने अदालत की शरण ली। अदालत ने सभी आरोपितों को तलब किया और विचारण के बाद अदालत ने आरोप सिद्ध न होने पर सभी को दोषमुक्त कर दिया।
अदालत ने कहा कि प्रस्तुत सबूत और गवाहियों के आधार पर आरोपितों के खिलाफ कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला, इसलिए उन्हें कानूनी राहत दी जा रही है।