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यूपी सरकार के मंत्री के करीबी हिस्ट्रीशीटर को गोली मारने वाला बदमाश मुठभेड़ में गिरफ्तार

चौबेपुर थाना क्षेत्र के बभनपुरा गांव में 11 सितम्बर को गौरव को मारी गई थी गोली, पांच के खिलाफ दर्ज था मुकदमा

 

हिस्ट्रीशीटर की हालत देखने अस्पताल गये थे मंत्री, पुलिस को आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दिये थे निर्देश

वाराणसी भदैनी मिरर। चौबेपुर थाना क्षेत्र के बभनपुरा गांव में अपने चार साथियों के साथ योगी सरकार के मंत्री के करीबी और हिस्ट्रीशीटर पर फायरिंग के मुख्य आरोपित अंकित सिंह को रविवार की आधी रात पुलिस टीम ने मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक उनकी टीम को देखकर हिस्ट्रीशीटर दबंगई दिखाई और सीधा फायर झोंक दिया। पुलिस टीम ने भी जवाबी फायरिंग की। इस दौरान दोनों ओर से तीन राउंड फायरिंग हुई। हालांकि वरुणा जोन से बैकअप फोर्स के लिए वायरलेस पर मैसेज कर दिया गया था। पुलिस की घेराबंदी देखकर बदमाश ने अंधेरे में भागने का प्रयास किया। इसी दौरान पीछा करते हुए दरोगा ने अंकित सिंह पर गोली चला दी। गोली उसके बाएं पैर में लगी और वह गिर पड़ा। आनन फानन में पुलिस टीम ने उसे दबोच लिया।

प्राथमिक तौर पर उसके पैर में पट्टी बांधी और अस्पताल ले गए। इसके बाद फॉरेंसिक टीम बुलाई गई। घटना की सूचना पाकर डीसीपी वरुणा प्रमोद कुमार और एसीपी सारनाथ विजय प्रताप भी मौके पर पहुंचे। डीसीपी ने घटनास्थल का मुआयना किया और थानेदार से जानकारी लेकर फोरेंसिक टीम को दिशा निर्देश दिए। तालाशी में बदमाश अंकित के पास से पिस्टल और कारतूस बरामद हुआ। घायल को अस्पताल ले जाया गया जहां आपरेशन कर उसके पैर में फंसी गोली निकाली जाएगी। आपको बता दें कि चौबेपुर थाना क्षेत्र के बभनपुरा गांव में 11 सितंबर की देर रात विवाद में हिस्ट्रीशीटर गौरव सिंह उर्फ मोनू (39) को गांव के युवकों ने गोली मार दी थी। हमलावरों ने हिस्ट्रीशीटर मोनू पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। इसमें उसे दो-तीन गोलियां लगी थी।

मोनू को  गंभीर हालत में उसे बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था। पुलिस ने घायल हिस्ट्रीशीटर के पिता की तहरीर पर बभनपुरा के रहनेवाले पांच आरोपितों वीरेंद्र सिंह, अंकित सिंह, अभिषेक सिंह, निखिल सिंह और नीरज यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने दो टीमें गठित करके आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तलाश की। इस मामले में चांदपुर चौकी प्रभारी अंकुर कुशवाहा को निलंबित कर दिया गया। यह भी बता दें कि 11 सितम्बर को गौरव को गोली मारने की घटना के बाद जब प्रदेश सरकार के मंत्री को सूचना मिली तो वह ट्रामा सेंटर उसे देखने भी गये थे।