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दहेज प्रताड़ना मामले में पति व देवर बरी, वाराणसी कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए किया दोषमुक्त

अपर सिविल जज अजय प्रताप की अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में सुनाया फैसला, 1999 से लंबित केस में पति सूरज प्रसाद यादव और देवर संतोष यादव को मिली राहत।

 

वाराणसी,भदैनी मिरर। दहेज प्रताड़ना (Dowry harassment case Varanasi) के एक पुराने मामले में पति और देवर को अदालत से बड़ी राहत मिली है। अपर सिविल जज (सीनियर डिवीजन, तृतीय) अजय प्रताप की अदालत ने बुधवार को जंगमबाड़ी, दशाश्वमेध निवासी सूरज प्रसाद यादव (पति) और संतोष कुमार यादव (देवर) को आरोप सिद्ध न होने पर दोषमुक्त कर दिया। मामले की पैरवी बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, बृजपाल सिंह यादव गुड्डू, नरेश यादव और संदीप यादव ने की।

यह था मामला

वादी सीताराम यादव ने 13 मई 1999 को दशाश्वमेध थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि उनकी पुत्री सोनी की शादी 16 फरवरी 1996 को सूरज प्रसाद यादव से हुई थी। शादी के बाद पति, देवर और ससुर मोतीलाल यादव ने दहेज में रंगीन टीवी और स्कूटर की मांग की। मांग पूरी न होने पर विवाहिता को प्रताड़ित और मारपीट कर घर से निकाल दिया गया।

बाद में वर्ष 1998 में पुत्री जन्म लेने पर भी विवाहिता को मारपीट कर घर से निकालने का आरोप लगाया गया। बार-बार समझौते के प्रयास विफल रहे और पीड़िता ने मायके आकर परिजनों को प्रताड़ना की जानकारी दी।

अदालत का फैसला:

लंबे समय तक चले इस मामले की पत्रावली और गवाहों के साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद अदालत ने पति और देवर को आरोप सिद्ध न होने पर संदेह का लाभ दिया। वहीं, ससुर मोतीलाल यादव की मृत्यु हो जाने के कारण उनके खिलाफ सुनवाई समाप्त कर दी गई।