CBI अफसर बन डिजिटल अरेस्ट करके 1.10 करोड़ की साइबर ठगी का पर्दाफाश, गिरोह के सरगना सहित 3 अरेस्ट
साइबर थाने की पुलिस को मिली सफलता, यूपी के ही रहने वाले है तीनों आरोपी
Updated: Jul 13, 2025, 18:42 IST
पुराना है तीनों का अपराधिक इतिहास
पुलिस खंगाल रही तीनों की कुंडली
वाराणसी, भदैनी मिरर।वाराणसी साइबर क्राइम पुलिस ने 1.10 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय साइबर गैंग का भंडाफोड़ कर दिया है। गैंग के सरगना सहित तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है, जो डिजिटल अरेस्ट और CBI जांच का डर दिखाकर ठगी को अंजाम देते थे। गैंग का खुलासा डीसीपी क्राइम सरवणन टी ने पुलिस लाइन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। तीनों आरोपियों को मीडिया के सामने पेश किया गया।
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डीसीपी क्राइम ने बताया कि पीड़ित महेश प्रसाद को अज्ञात नंबरों से फोन कर खुद को पुलिस अधिकारी बताया गया था। उन्हें बताया गया कि उसका नाम 538 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल है और उनके आधार कार्ड का दुरुपयोग हुआ है। CBI जांच और गिरफ्तारी के डर से पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट कर 1.10 करोड़ रुपये ट्रांसफर करा लिए गए थे।
इनकी हुई गिरफ्तारी
डीसीपी क्राइम सरवणन टी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी यूपी के विभिन्न जिलों के रहने वाले है। आरोपियों की पहचान गोरखपुर निवासी सुमित गुप्ता, लखीमपुर खीरी निवासी उत्कर्ष वर्मा और नोएडा निवासी
अरविंद वर्मा के रुप में हुई है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपी फर्जी पुलिस/CBI बनकर डिजिटल अरेस्ट का डर दिखते है और फिर लोगों के बैंक अकाउंट खुलवाकर उनकी पूरी किट साइबर गिरोह अपने कब्जे में ले लेता है। उन खातों में विदेश से ठगी की रकम आती, जिसे देश में कई खातों के जरिए ट्रांसफर कर कैश निकाला जाता है। कमीशन के बदले गिरोह अपने विदेशी साथियों को डॉलर में भुगतान करता है।
पहले भी जा चुके है जेल
डीसीपी क्राइम ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी नोएडा निवासी अरविंद पूर्व में भी साइबर ठगी के मामले में दो बार जेल जा चुका है। इसके अलावा गोरखपुर निवासी सुमित मर्डर के मामले में जेल गया था, जो जमानत पर छुटा है। छूटने के बाद यह अपना सिंडिकेट बनाकर साइबर ठगी की घटना को अंजाम देने लगे है। डीसीपी ने बताया कि इनके पूरे गैंग का पता किया जा रहा है। जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस को गिरफ्तार आरोपियों के पास से 13 सिम कार्ड,
7 ATM कार्ड, 4 बैंक पासबुक, 1 चेकबुक, 8 मोबाइल फोन और ₹70,000 नगद बरामद हुए है।