भदैनी सामूहिक हत्याकांड: 15 गोलियों से की गई थी 5 लोगों की हत्या, कातिल भाइयों पर लगा गैंगस्टर
वाराणसी के भदैनी में पांच लोगों की निर्मम हत्या से दहला था शहर, आरोपी भतीजों विक्की और जुगनू पर गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई; पढ़ें- पूरा घटनाक्रम
वाराणसी (भदैनी मिरर)। भेलूपुर थाना क्षेत्र के भदैनी मोहल्ले हुए सामूहिक हत्याकांड के मामले में बीते फरवरी माह से जेल में निरुद्ध आरोपी भाइयों विशाल गुप्ता उर्फ विक्की और प्रशांत गुप्ता उर्फ जुगनू पर अब गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने भेलूपुर प्रभारी निरीक्षक सुधीर त्रिपाठी की शिकायत पर केस दर्ज किया है।
क्या था भदैनी सामूहिक हत्या कांड?
वारदात में राजेंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी नीतू, दो बेटे नवेंद्र व सुबेंद्र, और बेटी गौरांगी की .32 बोर की पिस्टल से 15 गोली मारकर हत्या की गई थी। चार शव उनके भदैनी स्थित मकान से और राजेंद्र का शव 14 किलोमीटर दूर लाठिया के मीरापुर रामपुर गांव स्थित निर्माणाधीन मकान से बरामद हुआ था।
राजेंद्र का भदैनी में 5 मंजिला मकान है, जिसमें वे अपनी दूसरी पत्नी और बच्चों के साथ रहते थे। मकान के अन्य हिस्सों में 40 से ज्यादा किरायेदार भी रहते हैं। सफाईकर्मी रीता देवी ने जब सफाई के लिए दरवाजा खोला था तो एक-एक करके चार लाशें अलग-अलग मंजिलों से बरामद हुईं। जबकि राजेंद्र का शव रोहनिया के लाठिया के मीरापुर रामपुर गांव स्थित निर्माणाधीन मकान में मच्छरदानी लगे चारपाई पर अर्धनग्न अवस्था में मिली थी।
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राजेंद्र का विवादित अतीत
राजेंद्र गुप्ता पर पहले से ही अपने छोटे भाई, उसकी पत्नी, पिता और एक चौकीदार की हत्या का आरोप था। वर्ष 1996-97 में हत्या के मामलों में मुकदमे चले, लेकिन वह जमानत पर बाहर आ गया था। उसके परिवार ने उससे रिश्ता तोड़ लिया था।
राजेंद्र के पास भदैनी और शिवाला में कई किरायेदारों से हर महीने करीब 10 लाख रुपये से अधिक का किराया आता था। उसके पास शराब का ठेका, जमीन और निर्माणाधीन मकान सहित करोड़ों की संपत्ति थी।
पुलिस प्रारंभिक जांच में संपत्ति विवाद, पारिवारिक तनाव और पुराने हत्याकांडों का बदला जैसे संभावित कारणों को ध्यान में लेकर जांच कर रही थी। आरोपियों की गिरफ़्तारी वाराणसी पुलिस के लिए एक चुनौती बन गया था। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने विक्की के ऊपर 1 लाख का इनाम भी घोषित कर दिया था। लगातार पुलिस के विफल प्रयास ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे थे. लेकिन एसओजी और सर्विलांस प्रभारी ने हार नहीं मानी और बीते फ़रवरी माह में विक्की और जुगनू को आख़िरकार पकड़ ही लिया।
जुगुन कर रहा था मदद
घटना के बाद से ही राजेंद्र का भतीजा विशाल गुप्ता उर्फ विक्की फरार था। पुलिस को शुरुआती दिनों से ही विक्की की तलाश थी। कमिश्नरेट वाराणसी पुलिस की टीमें अहमदाबाद से लेकर दिल्ली तक गई। एमसीए पास विक्की ने पुलिस को खूब छकाया। घटना के बाद से ही विक्की के भाई प्रशांत गुप्ता उर्फ जुगनू को पुलिस ने कई राउंड कस्टडी में लेकर पूछताछ की लेकिन वह नहीं टूटा। बाद में पुलिस को इंस्टाग्राम से लिड मिला और विक्की के साथ ही उसके मददगार भाई जुगनू को अरेस्ट किया जा सका।