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जेल में बंद आशुतोष सिंह उर्फ मोहित की संदिग्ध हालात में मौत, शव लेकर जिला मुख्यालय पहुंचे परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

पॉक्सो केस में तीन साल से बंद था मोहित, सीने में दर्द के बाद मंडलीय अस्पताल में हुई मौत; परिजनों ने की जांच और जेलकर्मियों पर कार्रवाई की मांग

 

रिपोर्ट- वीरेंद्र पटेल 

भदैनी मिरर डेस्क, वाराणसी| वाराणसी जिला जेल में बंद आशुतोष सिंह उर्फ मोहित (26) की संदिग्ध परिस्थितियों में सोमवार को मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों और स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया। मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद शव मिलने पर परिजन जिला मुख्यालय पहुंचे और अधिकारियों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया।


मूल रूप से पहड़िया निवासी मोहित को वर्ष 2021 में लालपुर-पांडेयपुर पुलिस ने दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था। तब से वह जिला जेल में बंद था। जेल अफसरों के अनुसार, सोमवार सुबह वह बैरक के बाहर टहल रहा था, तभी अचानक सीने में दर्द की शिकायत की। जेल अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल रेफर किया गया। लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।


मोहित की मौत से आक्रोशित परिजनों ने सोमवार को ही मंडलीय अस्पताल के बाहर सड़क जाम कर दिया था, जो करीब 20 मिनट तक चला था। मंगलवार को शव लेने के बाद परिजन जिला मुख्यालय पहुंचे और एसडीएम सदर को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने जेल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया।


समय रहते इलाज नहीं मिला: परिजनों का आरोप

मोहित के पिता ने कहा, "बेटे का जीवन पहले ही बर्बाद किया और अब उसकी जान भी ले ली गई।" परिजनों का कहना है कि मोहित की सेहत पहले से खराब थी, इसके बावजूद जेल प्रशासन ने समय रहते समुचित इलाज नहीं कराया।
उनका स्पष्ट आरोप है कि अगर समय पर इलाज होता, तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने दोषी जेलकर्मियों के खिलाफ जांच और कार्रवाई की मांग की है।

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