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हत्या के आरोपी को लंका पुलिस ने 27 साल बाद पकड़ा, चंदौली पुलिस ने साथी को मुठभेड़ में किया था ढेर

हेरिटेज अस्पताल के अधिकारी पर चलाई थी गोली, पहचान बदलकर गुजरात में बनाया था ठिकाना

 

वाराणसी, भदैनी मिरर। पिछले 27 सालों से फरार चल रहे हत्या के आरोपी को लंका पुलिस ने गुजरात से खोज निकाली है। आरोपी पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित था। लंका पुलिस ने आरोपी को गुजरात से लाकर न्यायालय में पेश कर जेल भेजेगी। उसके पहले डीसीपी क्राइम/एडीसीपी काशी सरवणन टी ने मीडिया के सामने पेश किया।

एडीसीपी काशी जोन सरवणन टी ने बताया कि वर्ष 1997 में दर्ज हत्या के केस में पुलिस ने तहकीकात करना शुरू किया तो पता चला कि वर्षों से वांछित ईनामिया अभियुक्त कल्लू सिंह उर्फ त्रिभुवन सिंह निवासी भगवतीपुर (लंका) गुजरात प्रान्त मे पहचान बदलकर रह रहा है। सूचना पर फोर्स को रवाना किया गया और स्थानीय पुलिस की मदद से वाराणसी लंका लाया गया। आरोपी को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा जा रहा है।

प्रभारी निरीक्षक लंका शिवाकांत मिश्रा ने बताया कि वर्ष 1997 में 14 अप्रैल को हैरिटेज अस्पताल के तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी विधानचन्द तिवारी (27) हास्पिटल के पोर्टिगो में मारूति जैन गाड़ी के बोनट पर रखकर फाइलों पर दस्तखत कर रहे थे कि अचानक दो अज्ञात हमलावरों ने उनके ऊपर गोली चला दी गयी। गोली लगने से विधानचन्द तिवारी की मौके पर ही मृत्यु हो गयी तथा घटनाक्रम में राजेश कुमार एवं महन्थ यादव भी गोली लगने के कारण घायल हुए।

घायल राजेश कुमार ने लंका थाने में केस रजिस्टर्ड करवाया। उसी दिन उन हमलावरों ने नैपुरा कला में मायाराम उर्फ मायालू पर जान से मारने की नियत से अवैध असलहे से हमला किया गया जिसमें मायाराम को पेट में गोली लगी जिनका दवा इलाज बीएचयू अस्पताल में शुरु हुआ। इन्होंने भी लंका थाने केस पंजीकृत कराया। विवेचना में बालेन्द्र सिंह उर्फ बल्ला निवासी सीरगोवर्धनपुर (लंका) वाराणसी और कल्लू सिंह उर्फ त्रिभुवन निवासी (भगवतीपुर) लंका का नाम सामने में आया। इनके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई भी की गई।

इस घटना का आरोपी बालेन्दर उर्फ बल्ला अलीनगर (चन्दौली) पुलिस द्वारा मुठभेड़ में मारा गया। जबकि कल्लू सिंह के विरुद्ध न्यायालय से वारण्ट जारी किया गया। केस रजिस्टर्ड होने के बाद से ही फरार चल रहा था। जिस पर 50 हजार का इनाम घोषित था।