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तेजस्वी बने ‘फेलस्वी’: तेज प्रताप हारने के बाद RJD-कांग्रेस पर साधा निशाना, PM मोदी और अमित शाह की तारीफ की

Bihar Election Result 2025: महागठबंधन को करारी हार, महुआ सीट से हारे तेज प्रताप; परिणामों के बाद बोले—अब राजनीति परिवारवाद की नहीं, सुशासन और शिक्षा की होगी।

 

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आने के बाद सियासी बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है। एनडीए ने इस बार प्रचंड जीत दर्ज करते हुए दो सौ से अधिक सीटें हासिल कीं, जबकि महागठबंधन को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा। इसी बीच लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और जनशक्ति जनता दल के प्रमुख तेज प्रताप यादव ने अपनी पार्टी के आधिकारिक फेसबुक पेज पर एक लंबा पोस्ट जारी कर RJD, कांग्रेस और अपने भाई तेजस्वी यादव पर सीधा हमला बोला है।

तेज प्रताप यादव इस चुनाव में महुआ सीट से हार गए, जबकि तेजस्वी यादव राघोपुर सीट से अंतिम समय में जीत दर्ज करने में सफल रहे। नतीजों के बाद तेज प्रताप ने अपने पोस्ट की शुरुआत करते हुए लिखा—“हमारी हार में भी जनता की जीत छिपी है। मैं जनादेश को स्वीकार करता हूं। यह साफ हो गया है कि अब राजनीति परिवारवाद की नहीं, बल्कि सुशासन और शिक्षा की होगी।”

उन्होंने अपने निशाने पर महागठबंधन को लेते हुए लिखा कि—“ये जयचंदों की करारी हार है। हमने पहले ही कहा था कि इस चुनाव के बाद बिहार से कांग्रेस खत्म हो जाएगी, और आज साफ दिख गया। इन जयचंदों ने RJD को भीतर से खोखला कर दिया, बरबाद कर दिया। इसी वजह से आज तेजस्वी, फेलस्वी हो गया।”

आगे तेज प्रताप ने कहा कि सत्ता के लोभ में कुछ लोगों ने अपनी राजनीति बचाने के लिए अपने ही घर को आग लगा दी—“इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा। जनता का फैसला सिर-माथे पर है। हार-जीत अलग बातें हैं, लेकिन इरादा और प्रयास ही असली जीत होते हैं।”

उन्होंने महुआ की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि विधायक बने बिना भी वे अपने वादों पर काम करते रहेंगे, और उनके दरवाज़े जनता के लिए हमेशा खुले रहेंगे।

PM मोदी, अमित शाह और NDA की खुलकर तारीफ

तेज प्रताप यादव ने एनडीए की जीत पर कहा-“बिहार ने सुशासन की सरकार चुनी है। इस जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की कर्मठता और उनके जादुई नेतृत्व को जाता है।”
उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी नेता व बिहार प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान की रणनीति की भी जमकर सराहना की।

तेज प्रताप ने लिखा-“एनडीए की पांचों पार्टियों—‘पांच पांडवों’ ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा और जनता ने इस एकता को विजय की शक्ति में बदल दिया। यह जीत बिहार की जनता की है, यह जीत विश्वास की है, यह जीत विकास और सुशासन के संकल्प की है।”

उन्होंने अंत में लिखा कि जनता ने उन्हें जो स्नेह और विश्वास दिया है, वही उनकी सबसे बड़ी पूंजी है और वे जनता की आवाज बनकर और मजबूती से वापस लौटेंगे।