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परिवार से अलग होकर राजनीति को कहा अलविदा, लालू की बेटी रोहिणी आचार्य का ऐलान 

बिहार चुनाव परिणाम के बाद बड़ा फैसला; कहा-‘आत्मसम्मान सर्वोपरि’, एक्स पोस्ट में संजय यादव और रमीज पर दबाव डालने का आरोप

 

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद लालू परिवार में नया विवाद उभर आया है। आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राजनीति के साथ-साथ परिवार से भी नाता तोड़ने का बड़ा ऐलान कर दिया। इस फैसले ने राजनीतिक हलकों से लेकर लालू परिवार तक हलचल पैदा कर दी है।

पोस्ट में संजय यादव और रमीज पर लगाए गंभीर आरोप

रोहिणी ने अपनी पोस्ट में दावा किया कि संजय यादव और रमीज ने उन पर राजनीति और परिवार छोड़ने का दबाव डाला। उन्होंने लिखा-“मैं सारे आरोप अपने ऊपर लेती हूं, पर मुझे ऐसा करने को कहा गया है।”
यह भी बताया जा रहा है कि पहले रोहिणी ने केवल राजनीति छोड़ने की बात लिखी थी, लेकिन बाद में पोस्ट को एडिट कर दोनों के नाम सहित आरोप जोड़े गए।

रोहिणी और संजय यादव के बीच पहले से तनातनी चल रही थी। बिहार अधिकार यात्रा के दौरान भी दोनों के बीच दूरी साफ दिखाई दी थी, जब एक बस में सीट को लेकर विवाद जैसी स्थिति बनी थी।

लालू परिवार में लगातार बढ़ते मतभेद

यह पहला मौका नहीं है जब रोहिणी ने परिवार से असंतोष जताया हो। सितंबर में भी उन्होंने एक्स पर लिखा था-“मेरे लिए मेरा आत्मसम्मान सर्वोपरि है। मैंने एक बेटी और बहन का धर्म निभाया है, निभाती रहूंगी।”
तब माना गया था कि परिवार में सब कुछ ठीक नहीं है, हालांकि चुनाव प्रचार में वे तेजस्वी यादव के साथ सक्रिय दिखी थीं।

इससे पहले लालू यादव ने हाल ही में अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को परिवार और पार्टी से बेदखल कर दिया था। अब रोहिणी के ऐलान ने विवाद को और गहरा कर दिया है।

लोकसभा चुनाव में हार के बाद बदला समीकरण

रोहिणी ने 2024 लोकसभा चुनाव में सारण सीट से चुनाव लड़ा था, जो आरजेडी की पारंपरिक मजबूत सीट मानी जाती है। लेकिन उन्हें भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी से हार का सामना करना पड़ा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस हार के बाद रोहिणी का प्रभाव आरजेडी और परिवार दोनों में कम होने लगा था।

बिहार चुनाव और परिवारिक समीकरण पर बड़ा असर

बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी को नुकसान हुआ, सीटें घटीं और विपक्ष में भी दबदबा कम हुआ। ऐसे माहौल में रोहिणी का यह फैसला आरजेडी और लालू परिवार दोनों के लिए बड़ी चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है।
फिलहाल रोहिणी के इस कदम पर पार्टी या परिवार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।