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राबड़ी देवी ने विधान परिषद से किया वाकआउट, हंगामा, कहा-बिहार में इमरजेंसी जैसे हालात

गुस्से में निकलीं बाहर किया सरकार पर हमला, बोली-विपक्ष  को बोलने नही दिया जा रहा

 

सदन की गरिमा और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है सरकार का रवैया 

पटना। बिहार में एनडीए की सरकार गठन के बाद आज गुरूवार को बिहार विधान परिषद बड़ा सियासी ड्रामा हो गया। राष्ट्रीय जनता दल की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने विधान परिषद से वॉकआउट कर दिया और बाहर आकर सीधे सरकार पर हमला बोल दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इमरजेंसी जैसे हालात पैदा हो गए हैं। यहां विपक्ष को अपनी बात रखने की अनुमति नहीं है। राबड़ी देवी के वॉकआउट के बाद सदन में कुछ देर के लिए हंगामा हो गया। राजद के अन्य सदस्यों ने भी उनकी बातों का समर्थन करते हुए सरकार विरोधी नारेबाजी की।

राबड़ी देवी विधान परिषद से वॉकआउट कर गुस्से में बाहर निकलीं। एक ओर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव दो दिन से अनुपस्थित हैं। वहीं इस नये सियासी ड्ामे से हंगामा मच गया। राबड़ी देवी ने कहाकि यह सदन की गरिमा और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। इस दौरान मौके पर मौजूद राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने सत्ता पक्ष पर लोकतंत्र की हत्या का गंभीर आरोप लगा दिया। उन्होंने भी कहा कि सदन में विपक्ष को बोलने नहीं दिया जा रहा है। हमारे सवालों को दबाया जा रहा है। ऐसा लग रहा है जैसे राज्य में आपातकाल लगा दिया गया हो। हमारे राजनीति के लंबे इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब विपक्ष को बोलने नहीं दिया जा रहा है। 

अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में विपक्ष भी सरकार का अंग होता है। पक्ष और विपक्ष अगर लोकतंत्र में नहीं हो तो फिर लोकतंत्र का कोई मतलब नहीं है। कल महामहिम राज्यपाल का अभिभाषण हुआ। आज तक की परंपरा रही है कि महामहिम के भाषण में विपक्ष संशोधन देती है। संशोधन पर विपक्ष को बोलने का मौका दिया जाता है। बाद में फिर सरकार विपक्ष को सुनकर अपना पक्ष रखती है। लेकिन राज्यपाल के अभिभाषण पर विपक्ष को अपना मत रखने से रोका गया। जब हमें अपने विचार व्यक्त करने से रोका जाय तो ऐसी स्थिति हमे आपातकाल की याद दिलाती है। सदन में विपक्ष और लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है, इसका हमलोग मरते दम तक विरोध करेंगे।