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मतगणना में गड़बड़ी हुई तो बिहार की सड़कों पर दिखेगा नेपाल के Zen-G जैसा आंदोलन

राजद एमएलसी सुनील सिंह के इस बयान पर पटना साइबर थाने में मुकदमा दर्ज

 

डीजीपी ने लिया संज्ञान, सोशल मीडिया पर वायरल हो गया सुनील सिंह का प्रेस कांफ्रेंस में दिया बयान

एमएलसी ने चेतावनी देते हुए कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर गलत न करें

पटना। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के एमएलसी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई सुनील कुमार सिंह एक बार फिर से सुर्खियों में आ गये। बिहार चुनाव की मतगणना 14 नवम्बर को होनी है। इससे पहले उन्होंने ऐसा बयान दे दिया कि खुद बिहार के डीजीपी ने संज्ञान ले लिया और अब सुनील सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है। दरअसल गुरूवार को सुनील सिंह ने पटना में प्रेस कांफेंस की। कहाकि अगर मतगणना के दौरान गड़बड़ी हुई तो बिहार में नेपाल के Zen-G जैसा आंदोलन दिखेगा। 

प्रेस वार्ता में उन्होंने दावा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है। तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। एनडीए सरकार पर आरोप लगाया कि कुछ अधिकारी हारने वाले प्रत्याशी को जिताने की कोशिश में लगे हैं और वह हर तरह की कोशिशें कर रहे हैं। राजद नेता ने चेतावनी देते हुए कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर गलत न करें। नहीं तो ऐसी तस्वीर सामने आएगी जो बिहार में कभी नहीं देखी गई है। साथ ही कहाकि यह लोग 2020 में हुई मतगणना को दोहराना चाहते हैं। पिछली बार काऊंटिंग रुकवा दी गई थी। अब अगर इस बार गड़बड़ी हुई तो बिहार की सड़कों पर नेपाल के जेन-जी जैसा नाजारा दिखेगा। 

सुनील सिंह के प्रेस कांफेंस की बात मीडिया के जरिए बाहर आते ही राजनीतिक और प्रशसनिक हलकों में खलबली मच गई। डीजीपी विनय कुमार ने खुद इसका संज्ञान ले लिया। उनके आदेश पर पटना साइबर थाने में राजद एमएलसी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। उनपर लोगों को भड़काने का आरोप है। डीजीपी ने राजद एमएलसी के बयान पर भड़काऊ बताया है। साइबर थाने में उनके खिलाफ बीएनएस की धारा 174, 353, 352, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123(4) और 125 और आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। इधर, राजद एमएलसी सुनील सिंह का बयान देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। बिहार पुलिस के अनुसार राजद एमएलसी सुनील सिंह के बयान से लोगों में घृणा, वैमनस्य की भावना उत्पन्न होने की संभावना है। इससे व्यक्तियों का वर्ण, समुदाय के खिलाफ अपराध करने की उद्दीप्पन हो सकती है। इससे विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसलिए उनके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की गई।