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बिहार SIR विवाद: सुप्रीम कोर्ट की सख्ती पर बोली कांग्रेस- लोकतंत्र बच गया चुनाव आयोग के हमले से...

 

बिहार में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर उठे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने चुनाव आयोग (ECI) को निर्देश दिया कि पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी, आसान और मतदाताओं के लिए समझने योग्य बनाया जाए। कांग्रेस ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि लोकतंत्र, चुनाव आयोग की गलत नीतियों के "हमले" से बच गया है।

कांग्रेस का हमला – ECI की पोल खुल गई

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश चुनाव आयोग के रुख की सच्चाई सामने लाता है। "चुनाव आयोग का नजरिया मतदाताओं के खिलाफ था। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि मतदाता सूची से नाम हटाने के पीछे स्पष्ट कारण बताए जाने चाहिए। यह आयोग की प्रतिष्ठा पर गहरा धक्का है।

आधार कार्ड को मान्यता

उन्होंने याद दिलाया कि 14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि यदि किसी मतदाता का नाम सूची से हटाया जाता है तो उसके लिए पहचान प्रमाण के रूप में आधार कार्ड मान्य होगा।
आज कोर्ट ने दोहराया कि आधार एक वैध पहचान पत्र है और चुनाव आयोग इसे मानने के लिए बाध्य है।

राजनीतिक दलों की भागीदारी अनिवार्य

जयराम रमेश ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रक्रिया को और मजबूत बनाने के लिए राजनीतिक दलों को भी इसमें शामिल करने का निर्देश दिया है। अब तक चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली मतदाताओं के खिलाफ और बाधा पैदा करने वाली रही। लेकिन अब कोर्ट ने इसे लोकतांत्रिक और पारदर्शी बनाने का रास्ता साफ किया है।"

कांग्रेस का दावा – आयोग पूरी तरह बेनकाब

कांग्रेस नेता ने कहा, "हम सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का तहेदिल से स्वागत करते हैं। यह हमें ऐसा अधिकार देता है जिसकी अनदेखी अब चुनाव आयोग नहीं कर सकता। इस आदेश के बाद चुनाव आयोग की असली तस्वीर सामने आ गई है और उसकी साख बुरी तरह प्रभावित हुई है।"