समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा राजपाल सिंह यादव का गुरुवार (9 जनवरी) तड़के निधन हो गया। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने सुबह 4 बजे अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से बीमार थे। उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव सैफई में किया जाएगा।
रामगोपाल यादव ने जताया शोक
राजपाल सिंह यादव के निधन पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उनके बड़े भाई रामगोपाल यादव ने गहरा शोक व्यक्त किया। रामगोपाल यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, मैं अत्यंत दुख के साथ सूचित कर रहा हूँ कि मेरे अनुज राजपाल सिंह का आज सुबह चार बजे मेदांता अस्पताल गुड़गांव में असामयिक निधन हो गया है। उनका अंतिम संस्कार मेरे पैतृक गाँव सैफई में आज दोपहर बाद किया जाएगा। प्रभु उनकी आत्मा को शांति दें और उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें। ॐ शांति!”
लंबे समय से थे बीमार
राजपाल सिंह यादव कई दिनों से अस्वस्थ थे, जिसके चलते उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि डॉक्टरों की पूरी कोशिश के बावजूद गुरुवार की सुबह उन्होंने जिंदगी की जंग हार दी। उनके निधन के बाद समाजवादी परिवार और समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई। उनके घर पर सुबह से ही शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का आना शुरू हो गया।
सैफई में अंतिम विदाई
गुरुग्राम से राजपाल यादव के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव सैफई ले जाया जाएगा। वहां उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। हालांकि अंतिम संस्कार आज ही होगा या नहीं, इस पर अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है। सैफई में यादव परिवार के सभी सदस्य एक बार फिर इकट्ठा होंगे।
यादव परिवार में राजपाल सिंह का स्थान
अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव पांच भाइयों में सबसे बड़े थे। राजपाल सिंह यादव उनके चौथे नंबर के भाई थे। वे शिवपाल सिंह यादव से बड़े और मुलायम सिंह से छोटे थे।
राजपाल यादव का राजनीतिक योगदान
राजपाल यादव का परिवार राजनीति में काफी सक्रिय रहा है। उनके बेटे अंशुल यादव दो बार जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुने गए हैं। वहीं, उनकी पत्नी प्रेमलता यादव ने 2005 में राजनीति में कदम रखा था। वे यादव परिवार की पहली महिला थीं, जिन्होंने राजनीति में अपनी जगह बनाई। बाद में शिवपाल यादव की पत्नी सरला यादव, अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव, और प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव ने भी राजनीतिक क्षेत्र में कदम रखा।