Home यूपी अखिलेश Vs केशव मौर्या: सियासी हलचल के बीच जुबानी जंग जारी, आरोप-प्रत्यारोप के बीच कयास तेज…

अखिलेश Vs केशव मौर्या: सियासी हलचल के बीच जुबानी जंग जारी, आरोप-प्रत्यारोप के बीच कयास तेज…

by Bhadaini Mirror
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यूपी में भाजपा के बीच कथित मची आंतरिक कलह के चर्चे को लेकर सियासत तेज हो गई हैं. वहीं दूसरी ओर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के बीच जुबानी जंग जारी है. वैसे तो ये कोई नई बात नहीं दोनों अक्सर एक दूसरे पर हमलावर रहते है.

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अभी हाल ही में केशव प्रसाद मौर्य की भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात और सोशल मीडिया एक्स पर ‘संगठन सरकार से बड़ा है…’ वाली टिप्पणी ने यूपी के सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है. उनके इस बयान के बाद तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है, ऐसा माना जा रहा है कि यूपी में सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच सब ठीक नहीं है. इन सभी के बीच अखिलेश यादव ने “सौ विधायक लाओ सरकार बनाओ” का खुला ऑफर डे डाला. दोनों नेताओं के बीच इस तरह की बयानबाजी कई तरह के चर्चाओं को जन्म दे रही है.

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सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए मानसून ऑफर दिया था. इसमें उन्होंने कहा था कि 100 लाओ और सरकार बनाओ, हालांकि इस पोस्ट में उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया था. उनके इस ऑफर और पोस्ट पर अब यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार किया है. केशव प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिए कहा ‘मानसून ऑफर को 2027 में  जनता और कार्यकर्ता फिर 47 पर समेटेंगे. एक डूबता जहाज और समाप्त होने वाला दल जिसका वर्तमान और भविष्य खतरे में है. वह मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख सकता है,परंतु पूर्ण नहीं हो सकता. डिप्टी सीएम ने कहा कि 2027 में 2017 दोहराएंगे और फिर कमल की सरकार बनाएंगे.

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वहीं इससे पहले भी जब अखिलेश ने यूपी भाजपा सरकार पर सवाल उठाया था तब भी केशव प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया पर पलटवार करते हुए लिखा था. ‘सपा बहादुर श्री अखिलेश यादव जी,भाजपा की देश और प्रदेश दोनों जगह मज़बूत संगठन और सरकार है,सपा का PDA धोखा है. यूपी में सपा के गुंडाराज की वापसी असंभव है, भाजपा 2027 विधानसभा चुनाव में 2017 दोहराएगी.

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आज भी सपा मुखिया अखिलेश यादव ने केशव प्रसाद मौर्या पर तंज कसा है. अखिलेश ने बिना नाम लिए ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बयान पर पलटवार किया है. अखिलेश यादव ने केशव प्रसाद मौर्य के संगठन वाले बयान को लेकर सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्वीटर) पर पोस्ट कर लिखा-“न संगठन बड़ा होता है, न सरकार. सबसे बड़ा होता है जनता का कल्याण. दरअसल संगठन और सरकार तो बस साधन होते हैं, लोकतंत्र में साध्य तो जनसेवा ही होती है. जो साधन की श्रेष्ठता के झगड़े में उलझे हैं, वो सत्ता और पद के भोग के लालच में है, उन्हें जनता की कोई परवाह ही नहीं है. भाजपाई सत्तान्मुखी है, सेवान्मुखी नहीं!”

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बीजेपी की तथाकथित आंतरिक कलह पर पूर्व सीएम अखिलेश यादव लगातार निशाना साध रहे है. उन्होंने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा था कि बीजेपी की कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में, उप्र में शासन-प्रशासन ठंडे बस्ते में चला गया है. तोड़फोड़ की राजनीति का जो काम भाजपा दूसरे दलों में करती थी, अब वही काम वो अपने दल के अंदर कर रही है.

लोकसभा चुनाव के बाद से सोशल मीडिया पर अखिलेश और केशव प्रसाद मौर्य के बीच लगातार जुबानी जंग देखी जा रही है. समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल ने भी एक्स पर एक पोस्ट के जरिए कहा था कि यूपी में योगी बनाम केशव चल रहा है. अब दोनों नेताओं के द्वारा इस तरह की बयानबाजी सियासी गलियारे में तमाम तरह की अटकलों को जन्म दे रही है, साथ ही ये सोचने पर मजबूर कर रही कि क्या वाकई बीजेपी में आतंरिक कलह पनप रही, क्या केशव प्रसाद मौर्य और सीएम योगी के बीच आपसी मतभेद चल रही. कहीं केशव प्रसाद यूपी का सीएम बनने का ख्वाब तो नहीं सजा रहे है.

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