बम की सूचना पर मचा हड़कंप,कैंट स्टेशन पर ढाई घंटे तक खंगाली गई गंगा-सतलज एक्सप्रेस...

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के वाराणसी आगमन से पहले गंगा सतलज एक्सप्रेस में बम की सूचना पर हड़कंप मच गया. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे आरपीएफ, जीआरपी और बम निरोधक दस्ता ने ढाई घंटे तक ट्रेन की तलाशी ली. ट्रेन में कोई भी संदिग्ध सामग्री न मिलने के बाद ट्रेन को रवाना किया गया.

बम की सूचना पर मचा हड़कंप,कैंट स्टेशन पर ढाई घंटे तक खंगाली गई गंगा-सतलज एक्सप्रेस...
कैंट रेलवे स्टेशन पर जांच करते पुलिसकर्मी और रेलवे के अफसर।

वाराणसी,भदैनी मिरर। वाराणसी में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आगमन से पहले रविवार की सुबह गंगा-सतलज एक्सप्रेस ट्रेन में बम की सूचना पर हड़कंप मच गया।आरपीएफ, जीआरपी और जिला पुलिस ने आनन-फानन कैंट रेलवे स्टेशन पर बम निरोधक दस्ते की मदद से ट्रेन की एक-एक बोगी को खंगालना शुरू किया। लगभग ढाई घंटे की मशक्कत के बाद ट्रेन से कोई भी संदिग्ध सामग्री बरामद नहीं हुई। जिसके बाद बम निरोधक दस्ते की सहमति के बाद 8:45 बजे ट्रेन को रवाना कर दिया गया।

खंगाले गए सीसीटीवी फुटेज

बम की सूचना पर सुरक्षा एजेंसियों ने लोको पायलट से गहन पूछताछ की। इसके साथ ही कैंट रेलवे स्टेशन परिसर में लगे हुए सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई। कमिश्नरेट पुलिस की मदद से सूचना देने वाले का पता लगाया जा रहा है। उधर, सुबह से ही स्टेशन की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। 
 
वॉकी टॉकी पर पास हुई थी सूचना

धनबाद से चलकर फिरोजपुर जाने वाली गाड़ी संख्या-13307 गंगा-सतलज एक्सप्रेस रविवार की सुबह 5:58 बजे कैंट स्टेशन स्थित प्लेटफार्म नंबर 5 पर पहुंची। लगभग 7 मिनट के ठहराव के बाद ट्रेन 6:05 बजे कैंट स्टेशन से आगे बढ़ी। स्टार्टर सिग्नल पार करने के बाद गाड़ी के लोको पायलट और ट्रेन मैनेजर के वॉकी टॉकी पर गाड़ी के एसएलआर में बम होने को सूचना मिली। सूचना मिलते ही ट्रेन 6:06 बजे रोक दी गई। लोको पायलट ने रेलवे कंट्रोल को वॉकी टॉकी पर मिली सूचना की जानकारी दी। इसके बाद ट्रेन को वापस प्लेटफॉर्म पर लाकर सभी बोगियों में सघन तलाशी अभियान चलाया गया। कैंट स्टेशन के निदेशक आनंद मोहन के नेतृत्व में संयुक्त टीम ने यात्री बोगियों के आलावा पार्सल, एसएलआर, शौचालय और पॉवर यान की सघनता से जांच की। तलाशी के लिए लगभग ढाई घंटे तक ट्रेन कैंट स्टेशन पर खड़ी रही। 

ट्रेन के रवाना होने के बाद कैंट स्टेशन के निदेशक आनंद मोहन ने बताया कि सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। पता लगाया जा रहा है कि इस तरह की फर्जी सूचना क्यों और किसने दी थी। पड़ताल में रेलवे की फोर्स के साथ ही वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस की भी मदद ली जा रही है। जल्द ही इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा होगा।