ज्ञानवापी प्रकरण: अखिलेश-ओवैसी पर मुकदमा पंजीकृत करने वाली याचिका हुई स्वीकार, विवादित बयान देने का है आरोप...

ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर भड़काऊ बयान देने के मामले में मंगलवार को एसीजेएम पंचम उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत में सुनवाई हुई.

ज्ञानवापी प्रकरण: अखिलेश-ओवैसी पर मुकदमा पंजीकृत करने वाली याचिका हुई स्वीकार, विवादित बयान देने का है आरोप...

वाराणसी,भदैनी मिरर। ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर भड़काऊ बयान देने के मामले में मंगलवार को एसीजेएम पंचम उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने भड़काऊ आरोप में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव एवं एआईआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सहित अन्य लोगों पर मुकदमा दर्ज कराने से संबंधित याचिका सुनवाई योग्य माना और सुनवाई की अगली तिथि 29 नवंबर नियत कर दी है.

बता दें की ज्ञानवापी मामला वर्तमान में अदालत में विचाराधीन है मई 2022 में वाराणसी के सिविल जज के आदेश पर ज्ञानवापी में कोर्ट कमिशन की कार्यवाही हो रही थी उस कार्यवाही के अंतिम दिन हिंदू पक्ष की ओर से शिवलिंग मिलने का दावा किया गया था. इसी तथाकथित शिवलिंग पर असदुद्दीन ओवैसी और अखिलेश यादव ने बयान दिया था. इसी बयान पर वाराणसी के सिविल कोर्ट एडवोकेट हरिशंकर पांडे ने सीआरपीसी की 156 (3) के तहत याचिका लगाकर कोर्ट से इन दोनों लोगों सहित अन्य पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी.

अपनी याचिका में उन्होंने कहा था कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बयान दिया कि पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रख कर झंडा लगा दो तो वही भगवान और शिवलिंग हैं. AIMIM चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई हिंदुओं के धार्मिक मामलों और स्वयंभू आदि विश्वेश्वर के खिलाफ लगातार अपमानजनक बात कह रहे हैं. इन नेताओं की बातें जन भावनाओं के खिलाफ हैं. इसीलिए इन लोगों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए.

ज्ञानवापी मामले को लेकर भड़काऊ बयान देने के अलावा वहां मिले कथित शिवलिंग शिवलिंग के समीप गंदगी कर धार्मिक भावनाएं आहत करने से जुड़ी हुई है. एडवोकेट घनश्याम मिश्रा ने बताया कि अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि याचिका सुनवाई योग्य है. सुनवाई की अगली डेट 29 नवंबर नियत की गई है.