आज से शुरू हुआ 17 दिवसीय मां अन्नपूर्णा का महाव्रत, बिना अन्न और नमक के श्रद्धालु करेंगे व्रत, 9 दिसम्बर को होगा उद्यापन

The 17-day Mahavrat of Mother Annapurna started from today devotees will fast without food and saltआज से शुरू हुआ 17 दिवसीय मां अन्नपूर्णा का महाव्रत, बिना अन्न और नमक के श्रद्धालु करेंगे व्रत, 9 दिसम्बर को होगा उद्यापन

आज से शुरू हुआ 17 दिवसीय मां अन्नपूर्णा का महाव्रत, बिना अन्न और नमक के श्रद्धालु करेंगे व्रत, 9 दिसम्बर को होगा उद्यापन

वाराणसी,भदैनी मिरर। हिन्दू पंचांग के अनुसार अगहन माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि यानी बुधवार से मां अन्नूपर्णा का 17 दिवसीय महाव्रत की शुरूआत हो गई।   व्रत के पहले दिन परंपरानुसार अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकरपुरी महाराज ने सुबह 17 गांठ के धागे श्रद्धालुओं में वितरित किये। महंत के अनुसार मां अन्नपूर्णा का व्रत- पूजन दैविक, भौतिक का सुख प्रदान करता है और अन्न-धन, ऐश्वर्य की कमी नहीं होती है।

महंत शंकरपुरी ने बताया कि महाव्रत में भक्त 17 गांठ वाला पवित्र धागा धारण करते हैं। इसमें महिलाएं बाएं और पुरुष दाहिने हाथ में इसे धारण करते हैं। इसमें अन्न का सेवन पूरी तरह से वर्जित होता है। इस व्रत के दौरान केवल एक वक्त ही फलाहार किया जाता है वह भी बिना नमक वाला। 

महंत ने बताया कि लगातार 17 दिन तक चलने वाले इस अनुष्ठान का उद्यापन 9 दिसम्बर को 17 वें दिन होगा। उसी दिन मां अन्‍नपूर्णा का दरबार पूरी तरह से पकी हुई धान की बालियों से सजाया जायेगा। इस दौरान मां अन्नपूर्णा के गर्भ गृह समेत पूरे मंदिर परिसर की अनाज के दानों से सजावट की जाएगी। व्रत और अनुष्‍ठान पूरा होने के बाद प्रसाद स्वरूप धान की बाली आम भक्तों में वितरण की जायेगी। इस बाली को ही प्रसाद के तौर पर भक्‍त अपने घरों के अनाज में मिलाकर रखते हैं। पूर्वांचल के किसान अपनी फसल की पहली धान की बाली मां अन्‍नपूर्णा को अर्पित करते हैं। अर्पित करने के बाद उसी बाली को प्रसाद के रूप में दूसरी धान की फसल में मिला देते हैं। मान्यता है  कि इससे फसल में बढ़ोतरी होती है।