धूम्रपान निषेध दिवस: 12 से 17 साल के युवाओं में बढ़ रही धूम्रपान की लत, 5 सालों में 20,346 लोगों की काउन्सलिंग के बाद 165 लोगों ने छोड़ा तंबाकू...

No Smoking Day: Smoking addiction is increasing among the youth of 12 to 17 years, after counseling 20,346 people in 5 years, 165 people quit tobacco. 12 से 17 साल के युवाओं में धूम्रपान की लत बढ़ती जा रही है. जनपद वाराणसी में 5 सालों में 20346 लोगों के काउंसलिंग के बाद 165 लोगों ने तंबाकू छोड़ा।

धूम्रपान निषेध दिवस: 12 से 17 साल के युवाओं में बढ़ रही धूम्रपान की लत, 5 सालों में 20,346 लोगों की काउन्सलिंग के बाद 165 लोगों ने छोड़ा तंबाकू...

वाराणसी,भदैनी मिरर।  हर साल मार्च के दूसरे बुधवार को धूम्रपान निषेध दिवस मनाया जाता है। यह दिवस एक जागरूकता अभियान की तरह है जो धूम्रपान करने वालों को सिगरेट व अन्य किसी तरह के तंबाकू सेवन को छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करता है। धूम्रपान की लत बहुत बुरी है। ऐसे लोग जो रोज सिगरेट का सेवन करते हैं, उनके लिए इसे छोड़ने का मतलब है कि उनसे उनकी कीमती चीज छीन लेना। ये सभी जानते हैं कि धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। यह शरीर में हजारों रसायनों को छोड़ता है। इसका असर न केवल फेफड़ों पर, बल्कि दिल और शरीर के अन्य अंगों पर भी पड़ता है। अगर कई सालों से धूम्रपान करते आ रहे हैं और इसे छोड़ना बेहद कठिन है, तो एक बार अपने दिल को मना ही लीजिए और जरा ऐसा करके देखिए। आपके धूम्रपान छोड़ने के 20 मिनट बाद ही इसके स्वास्थ्य लाभ मिलना शुरू हो जाएंगे। 

12 से 17 साल के युवाओं में बढ़ धूम्रपान की लत

नोडल अधिकारी एवं एसीएमओ वाराणसी डॉ एके गुप्ता ने बताया कि धूम्रपान या चबाने वाली तम्बाकू सबसे बुरी आदतों में से एक है। इसे किसी के लिए भी अपनाना आसान है लेकिन उतना ही ज्यादा स्वास्थ्य का जोखिम है। 12 से 17 वर्ष के युवाओं में धूम्रपान करने की आदतें बढ़ती जा रही हैं। इन युवाओं पर एक-दूसरे को देखकर एवं अन्य प्रचार माध्यमों का गहरा प्रभाव पड़ता है। इससे हृदय रोग, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, स्ट्रोक, मधुमेह और कैंसर जैसी कई समस्याएं पैदा होती हैं। इन स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति युवा वर्ग को जागरूक करना बेहद जरूरी है जिससे वह इन आदतों का शिकार न बनें और स्वस्थ व खुशहाल समाज का निर्माण कर सकें।

70 प्रतिशत तक आसपास के लोगों को प्रभावित करता है स्मोक

राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के जिला वाराणसी परामर्शदाता डॉ सौरभ सिंह ने बताया कि तम्बाकू और बीड़ी-सिगरेट का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही नुकसानदायक है। तम्बाकू के इस्तेमाल से प्रतिरोधक क्षमता कम होती है साथ ही यह फेफड़ों को भी नुकसान पहुंचाता है। बीड़ी-सिगरेट पीने या अन्य किसी भी रूप में तम्बाकू का सेवन करने वालों को कई तरह के कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों की चपेट में आने की पूरी सम्भावना रहती है। इसमें मुंह व गले का कैंसर प्रमुख हैं। यही नहीं धूम्रपान करने वालों के फेफड़ों तक तो करीब 30 फीसद ही धुँआ पहुँचता है बाकी बाहर निकलने वाला करीब 70 फीसद धुँआ उन लोगों को प्रभावित करता है जो कि धूम्रपान करने वालों के आस-पास रहते हैं । यह धुँआ (सेकंड स्मोकिंग) सेहत के लिए और भी खतरनाक होता है ।

पांच साल में 165 लोगों ने छोड़ा तंबाकू

डॉ सौरभ सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जिले में वर्ष 2017-18 से अबतक कई जन जागरूकता कार्यक्रम, हेल्थ कैंप आयोजित किए गए तथा तंबाकू छोड़ने के लिए लोगों की काउन्सलिंग भी की गयी। तथा पिछले पाँच वर्षों में लगभग 20,346 लोगों की काउन्सलिंग की गयी व विभाग के निरंतर प्रयास से पिछले पाँच वर्षों में जिले में कुल 165 लोगों ने तंबाकू छोड़ी। कुल 403 विद्यालयों में जन जागरूकता कार्यक्रम आयजित किए गए और उन्हें तंबाकू मुक्त परिसर भी घोषित किया गया ।लगभग 320 तंबाकू सेवन करने वालों के साथ समुदाय में जन जागरूकता कार्यक्रम किए गए , व इसके साथ “येलो लाइन कैंपेन” के जरिये जिले के लगभग 357 सरकारी कार्यालयों/विद्यालयों को तंबाकू मुक्त परिसर घोषित किया गया व जिले में कई इलाकों में कुल 120 हेल्थ कैंप लगाए गए जिसमें जन मानस को धूम्रपान के दुष्प्रभावों और उससे बचने के उपाय के बारे में बताया गया , व इसके साथ ही समय-समय पर घाटों पर जनमानस के बीच 182 जागरूकता कार्यक्रम किए गए । साथ ही कार्यक्रम के तहत समय-समय पर रैली, गोष्ठी और हस्ताक्षर अभियान चलाकर भी जन मानस को जागरूक किया गया ।