जमीन की फर्जी रजिस्ट्री रोकने को सरकार की नई योजना, एक क्लिक पर मिलेगा इतिहास, जाने क्या है प्लान...

जमीन की फर्जी रजिस्ट्री रोकने को सरकार की नई योजना, एक क्लिक पर मिलेगा इतिहास, जाने क्या है प्लान...

वाराणसी/भदैनी मिरर। जीवन भर की कमाई लगाकर  संपत्ति खरीदने वालों के लिए राहत भरी खबर। अब जमीन सम्पत्ति खरीदने वालों को रजिस्ट्री से पहले 12 साल और 16 साल के मुआयने के लिए अब तहसील व सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने होंगे। वाराणसी सहित अब पूरे प्रदेश में हर जमीन, भूूखंड और संपत्ति का ब्यौरा ऑनलाइन होगा। एक क्लिक पर खतौनी के साथ जमीन का नक्शा सामने आ जाएगा। इस योजना को जुलाई महीने तक लांच करने की भी संभावना है।

बता दें कि जमीनी विवाद को समाप्त करने और संपत्तियों के रजिस्ट्री में किसी तीसरे पक्ष की दखलअंदाजी को दूर करने के लिए निबंधन विभाग ने इस फेरबदल का निर्णय किया है। हर जमीन के रिकार्ड को ऑनलाइन किया जाएगा। इसमें आजादी के बाद से उस जमीन की खरीद और ब्रिकी से लेकर मालिकाना अधिकार तक की पूरी जानकारी होगी। 

 आने वाले दिनों में खतौनी के साथ जमीन का नक्शा भी अटैच किया जाएगा। यही नहीं रिकॉर्ड रूम से नक्शों की सर्टिफाइड कॉपी के लिए भी चक्कर नहीं काटना पड़ेगा।
वेबसाइट के जरिए ही स्कैन और डिजिटाइज्ड नक्शों की कॉपी अपलोड हो जाएगी। इसके लिए उन्हें कोई फीस भी नहीं चुकानी होगी। मौजूदा समय में खतौनी में सिर्फ गाटा संख्या, ग्राम पंचायत का कोड और जमीन के मालिकाना हक की जानकारी होती है। इसमें जमीन का पुराना ब्यौरा नहीं होने से उसका पूरा रिकार्ड पता नहीं चल पाता है।

दरअसल, राज्य सरकार रजिस्ट्री प्रक्रिया को सुलभ बनाने और आम लोगों की सहूलियत के लिए पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर रही है। इसमें जमीन के पुराने रिकार्ड, खसरा, खतौनी के ऑनलाइन होने के साथ ही शुल्क व रजिस्ट्री का समय भी ऑनलाइन जमा किया जा सकेगा। ऐसे में रजिस्ट्री के दौरान आने वाली अड़चनों को आनलाइन प्रक्रिया से समाप्त किया जाएगा।

मिलेगी ये सहूलियत

- बिना भागदौड़ होगी कागजात की जांच और विवादों से रहेगी दूरी
- बिना अतिरिक्त खर्च के हर कागजात की मिल जाएगी जानकारी
- बैनामे व एग्रीमेंट के लिए कम समय में हो जाएगा काम
- क्रेता- विक्रेता के बीच तीसरे पक्ष की नहीं होगी जरूरत

वहीं इस संदर्भ में। स्टांप व निबंधन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल ने कहा कि हर जिले के सरकारी व निजी संपत्तियों का ब्यौरा आनलाइन किया जा रहा है। इसमें हर संपत्ति का पूरा इतिहास मौजूद रहेगा। ताकि रजिस्ट्री से पहले लोग आसानी से उसकी पड़ताल कर सके। जुलाई से इस योजना को लागू करने की तैयारी है।
इनपुट अमर उजाला