स्वतंत्रता सेनानी धन्य कुमार जैन का निधन, अंग्रेजी हुकूमतों ने भेजा था जेल, पुलिस कमिश्नर और डीएम ने जताया दुख...

स्वतंत्रता सेनानी धन्य कुमार जैन का निधन, अंग्रेजी हुकूमतों ने भेजा था जेल, पुलिस कमिश्नर और डीएम ने जताया दुख...

वाराणसी, भदैनी मिरर। स्वतंत्रता सेनानी धन्य कुमार जैन (99) की इलाज के दौरान शनिवार की सुबह  निधन हो गया। अंग्रेजी हुकूमतों से लोहा लेने वाले धन्य कुमार जैन वाराणसी के भदैनी स्थित अपने आवास पर रहते थे। शुक्रवार को उनकी तबियत अचानक खराब होने की खबर जैसे ही पता चली जिलाधिकारी वाराणसी कौशलराज शर्मा और पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने चिकित्सकीय सुविधा दिलाने का प्रयास किए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी तबियत लगातार बिगड़ती चली गई और निधन हो गया। उन्होंने अपना सारा जीवन गांधी जी के सिद्धांतो पर चलकर आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया। निधन की सूचना के बाद उन्हें राष्ट्रीय सलामी दी गई।


चार माह की हुई थी जेल

मध्यप्रदेश के सागर जनपद खोरई गांव में जन्में धन्य कुमार जैन के बड़े भाई पंडित महेंद्र कुमार नयाचार्य वाराणसी में स्यादबाद विद्यालय भदैनी में अध्यापक थे। प्राथमिक शिक्षा के बाद वह यही आ गए। उसी दौरान अगस्त क्रांति की शुरुआत हुई थी और समाचार प्रकाशन पर रोक लगा दी गई थी।


ऐसे में धन्य कुमार ने मुल्तानी मिट्टी को गुथकर उसे पैड बनाया। इस पर बैगनी स्याही से अंग्रेजी सरकार द्वारा किए जुल्म के पर्चे तैयार कर उसे वितरित करना शुरू किया। वह गोदौलिया स्थित सिनेमा हॉल में पकड़ लिए गए और चार माह की सजा सुनाई गई।


जिला जेल में वो नेता जी सुभाष चंद्र बोस के सेनापतियों में से एक देवकी नंदन दीक्षित के संपर्क में आए। 26 जनवरी 1942 को कैदियों के सफेद वर्दी को फाड़कर उस पर जेल के खपरैल, आम के पत्ते से रंग कर तिरंगा बनाया।

साथ ही दीवारों पर खपरैल से भारत माता की कलाकृति तैयार की, फिर जेल में आम की पेड़ पर तिरंगा फहरा कर जयकारे लगाने लगे कि अंग्रेजों ने पकड़कर फिर बंद कर दिया।