असहयोग आंदोलन की 101 वीं वर्षगाँठ: लोकतंत्र और व्यक्ति की आजादी की जा रही खत्म , बोले वक्ता महंगाई ने कमर तोड़ी...

असहयोग आंदोलन की 101 वीं वर्षगाँठ: लोकतंत्र और व्यक्ति की आजादी की जा रही खत्म , बोले वक्ता महंगाई ने कमर तोड़ी...

वाराणसी, भदैनी मिरर। असहयोग आंदोलन की 101 वीं वर्षगांठ पर गैर भाजपा विपक्षी दलों, सामाजिक संगठनों और मजदूर-किसान तथा छात्र युवा आंदोलनों के नेताओं ने आज टाउनहाल स्थित गांधी प्रतिमा पर सांकेतिक धरना देकर अपना विरोध दर्ज कराया। इस दौरान नेताओं ने महंगाई, भष्ट्राचार, बेरोजगारी और लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या के खिलाफ आवाज मुखर करने के लिए जनअभियान की शुरुआत की।


बर्बाद हो रही है अर्थव्यवस्था


प्रतिरोध धरना के दौरान नेताओं ने कहा कि देश में बदतर हालात बन गए हैं। लोकतंत्र और व्यक्ति की आजादी खत्म की जा रही है। असहमति को कुचला जा रहा है, जिससे चौतरफा भय और आतंक का माहौल है। अर्थव्यवस्था तबाह और बर्बाद हो रही है। बेतहाशा महँगाई से आम आदमी की कमर टूट गई है। व्यक्ति से न सिर्फ  सम्मानपूर्वक जीने का अवसर छीन लिया गया है बल्कि उसकी मृत्यु को भी सम्मान नहीं मिल पा रहा। कोरोना महामारी से देश में लाखों लोग समुचित दवा व इलाज के आभाव में दमतोड़ चुके हैं लेकिन मृतकों के आंकड़ों को  छुपाया जा रहा है।अंधाधुंध निजीकरण ने देश को गुलामी के रास्ते पर धकेल दिया है। ऐसे में जरूरत है एक सशक्त और अहिंसक जन प्रतिरोध की , जिसकी आज से शुरुआत की जा रही है। इस आंदोलन में वो सभी दल व संगठन शामिल हैं जिनका लोकतंत्र , स्वतंत्रता व समानता में विश्वास है।


रणनीति तय करने को संघर्ष समिति का गठन


कांग्रेस नेता संजीव सिंह ने बताया कि धरने के दौरान आंदोलन के आगामी कार्यक्रमों, नीति वक्तव्य, मांग पत्र की घोषणा की गई। धरने में उपस्थित लोगों की सहमति और उनके विचार व सुझावों को समेटते हुए तैयार  प्रारूप को आगामी नौ अगस्त क्रांति दिवस पर आयोजित संघर्ष प्रतिनिधि संसद में प्रस्तुत कर जनअभियान को और सघन बनाने के लिए जिले में जगह- जगह जन संघर्ष संवाद संसद आयोजित की जाएगी। जिसके तिथिवार कार्यक्रम की घोषणा व तैयारी हेतु एक सँघर्ष समिति का गठन किया गया।


बता दें कि 101 वर्ष पूर्व महात्मा गांधी ने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ असहयोग आंदोलन का शंखनाद किया था जिससे अंग्रेजी राज की नींव हिल गई थी । उस ऐतिहासिक आंदोलन को याद करते हुए धरने पर बैठे नेताओं ने गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया और देश की मौजूदा राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक  बदहाली पर गहरी चिंता व रोष व्यक्त करते सशक्त व अहिंसक आंदोलन छेड़ने का संकल्प दोहराया। प्रतिरोध धरना में सैकड़ो सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ताओं के अलावा प्रमुख रूप से समाजवादी चिंतक व नेता विजयनारायण, पूर्व सांसद राजेश मिश्रा, पूर्व एमएलसी अरविंद सिंह, सीपीएम के नेता नंदलाल पटेल, बैंक कर्मचारी यूनियन के नेता शिवनाथ यादव, टीएमसी के डॉ प्रेमशंकर पांडेय,अखिलेश पाण्डेय (आप), समाजवादी नेता कुंवर सुरेश सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय शंकर पांडेय , बीएचयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष अनिल श्रीवास्तव, संजीव सिंह, मनोज सिंह, अमित यादव, संजय यादव ( रेलवे मजदूर संघ), ङा क्षेमेन्द्र त्रिपाठी ( बीएचयू) पूर्व पार्षद नन्हे ख़ाँ , रईस अहमद एडवोकेट, प्रवीण सिंह बबलू, अजय सिंह शिवजी, प्रह्लाद तिवारी एडवोकेट, दीपक मिश्रा आदि शामिल रहे।